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शब्द का अर्थ

कड़कड़  : पुं० [अनु] १. दो वस्तुओँ के जोर से टकराने पर होनेवाला शब्द। २. किसी वस्तु के टूटने-फूटने, जलने आदि पर होनेवाला शब्द।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कड़कड़ाता  : स० [अनु०] किसी वस्तु का कड़-कड़ शब्द उत्पन्न करना। जैसे—बादलों का कड़कड़ाना। २. किसी वस्तु को इस प्रकार दबाना या तोड़ना कि वह कड़कड़ शब्द करने लगे। जैसे—किसी की हड्डी पसली कड़कड़ाना। ३. किसी वस्तु को इस प्रकार गरम करना कि उसमें कड़-कड़ शब्द होने लगे। जैसे—घी कडकड़ाना। अ० कड़-कड़ शब्द होना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कड़कड़ाहट  : स्त्री० [हिं० कड़कड़+आहट (प्रत्यय)] १. कड़कड़ाने की क्रिया या भाव। २. कड़-कड़ शब्द।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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