शब्द का अर्थ
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					खेवा					 :
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					पुं० [हिं० खेना] १. लदी हुई नाव को एक स्थान से दूसरे स्थान पर खेकर ले जाने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. उक्त के आधार पर ढो अथवा लादकर कोई वस्तु एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की क्रिया या भाव। खेप। ३. उतनी सामग्री जितनी एक बार में ढोकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाई जाती हो। ४. कोई काम या उसका कोई अंश एक बार में पूरा करने का अवकाश या समय। जैसे–इस खेवे में सारा झगड़ा निपट जाएगा। ५. किसी परम्परागत कार्य के विचार से उसके पूर्वकालीन अथवा उत्तराकालीन विभागों में से कोई एक विभाग। जैसे–पिछले खेवे के श्रृंगारी कवियों ने तो हद कर दी थी। पुं० नाव का डाँड़। उदाहरण-चलै उताइल जिन्ह कर खेवा।–जायसी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					खेवाई					 :
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					स्त्री० [हिं० खेना] १. नाव खेने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. वह रस्सी जिसमें डाँड़ नाव से बाँधा रहता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |