शब्द का अर्थ
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जिरह :
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पुं० [अ० जुरह] १. व्यर्थ में किया जानेवाला तर्क। २. न्यायालय में, किसी की कही हुई बातों की सत्यता की जाँच के लिए की जानेवाली पूछ-ताछ। स्त्री० [फा० जि रह] लोहे की कड़ियों का बना हुआ एक प्रकार का जाल जिसे युद्ध के समय छाती पर पहना जाता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जिरही :
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वि० [हि० जिरह] (योद्धा) जिसने जिरह पहना हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |