शब्द का अर्थ
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					फन					 :
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					पुं० [सं० फण०] साँप के सिर के आस-पास का वह भाग जिसे साँप आवेश अथवा मस्ती में हवा भरकर फुला और फैला लेता है। मुहावरा—फन मारना=आवेश में आकर विशेष प्रयत्न करना। पुं० [फा० फ़न] १. गुण। खूबी। २. विद्या। ३. कला। ४. दस्तकारी। ५. चालबाजी। धूर्तता। ६. कौशल। पद—हरफन मौला=बहुत ही कुशल व्यक्ति। हर काम में होशियार।				 | 
			
			
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					फनकना					 :
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					अ० [अनु०] १. फनफन शब्द करना। जैसे—बैल या साँप का फनकना। २. इस प्रकार तेजी से चलना कि हवा से वस्त्र फतफन करने लगे।				 | 
			
			
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					फनकार					 :
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					स्त्री० [अनु०] १. फन-फन होनेवाला शब्द। २. वह फन-फन शब्द जो साँप के फूँकने या बैल आदि से साँस लेने से होता है। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनगना					 :
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					अ० [हिं० फुनगा] १. वृक्षों आदि का फुनगियों अर्थात् अकुरों से युक्त होना। २. अच्छी तरह उन्नति करना।				 | 
			
			
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					फनगा					 :
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					पुं० [सं०-पतंग] फतिंगा। पुं०=फुनगा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनना					 :
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					अ० [हिं० फाँदना] १. फंदा बनना या लगना। २. काम का आरम्भ होना। ठनना।				 | 
			
			
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					फनफनाना					 :
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					अ० [अनु०] १. मुँह से हवा छोड़कर फन-फन शब्द उत्पन्न करना। जैसे—साँप का फनफनाना। २. चंचलतापूर्वक इधर-उधर हिलना।				 | 
			
			
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					फनस					 :
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					पुं० [सं० पनस, प्रा० फनस] कटहल।				 | 
			
			
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					फना					 :
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					स्त्री० [अ० फना] १. पूरा विनाश। बरबादी। २. मृत्यु। मौत। ३. सूफी मत में भक्त का परमात्मा में लीन होना। वि० नष्ट। बरबाद।				 | 
			
			
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					फनाना					 :
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					स० [हिं० फाँदना] १. फंदा बनाना। २. काम शुरू करना। ठानना।				 | 
			
			
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					फनि					 :
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					पुं० १. =फणी। २. =फन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिक					 :
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					पुं० =फणिक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिंग					 :
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					पुं०=फणींद्र। (साँप)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिंग					 :
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					पुं० [हिं० फतिंगा] फतिंगा। पुं० [सं० फणिक] साँप।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिंद					 :
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					पुं०=फणींद्र (साँप)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिधर					 :
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					पुं० [सं० फणिधर] साँप।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनिपति					 :
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					पुं०=फणिपति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनियर					 :
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					पुं० [सं० फणिधर] १. फनवाला। २. अजगर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फनियाला					 :
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					पुं० दे० ‘तूर’। पुं०=फनियर (साँप)।				 | 
			
			
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					फनिराज					 :
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					पुं० =फणींद्र (साँप)।				 | 
			
			
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					फनी					 :
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					पुं० =फणी। स्त्री०=फन (साँप का)। पुं० =फनियर। वि० [फा० फन्नी] १. फन-संबंधी। २. फन या हुनर जाननेवाला। ३. चालाक। धूर्त।				 | 
			
			
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					फनूस					 :
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					पुं०=फानूस। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फन्नी					 :
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					स्त्री० [सं० फण] १. लकड़ी का वह टुकड़ा जो छेद आदि बंद करने के लिए किसी चीज में ठोंका जाता है। पच्चर। २. वास्तुकला में लोहे का वह मोटा पत्तर या कोनिया जो बाहर निकले हुए बोझ को सँभालने के लिए उसके नीचे लगायी जाती है। ३. कंघी की तरह का जुलाहों का एक औजार जो बाँस की तिलियों का बना होता है और जिससे बुना हुआ बाना दबाकर ठीक किया जाता है।				 | 
			
			
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