शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					फेरव					 :
				 | 
				
					वि० [सं० फे-रव, ब० स०] १. धूर्त। चालबाज। २. हिंसक। पुं० १. राक्षस। २. गीदड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फेरवट					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० फेरना] १. फेरने या फेरने का भाव। २. पेरे जाने पर होनेवाला चक्कर। फेरा। ३. घुमाव-फिराव। ४. अंतर। फरख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फेरवा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० फेरना] सोने का वह छल्ला जो तार की दो तीन बार लपेटकर बनाया जाता है। लपेटा हुआ तार। पुं०=पेरा। पुं० [सं० फेरव] गीदड़। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |