शब्द का अर्थ
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					व्यक्तिवाद					 :
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					पुं० [सं० व्यक्ति√वद+घञ्] [वि० व्यक्तिवादी] १. यह मत या सिद्धान्त कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने ढंग से चलना और रहना चाहिए, दूसरों के सुख, दुःख आदि का ध्यान नहीं रखना चाहिए। २. आर्थिक क्षेत्र में यह सिद्धान्त कि सब प्रकार के काम-धन्धों में सब लोगों को स्वतंत्र रहना चाहिए, शासन अथवा समाज का उन पर कोई नियन्त्रण नहीं रहना चाहिए, और उन्हें अपनी इच्छा से मिलकर अपना संगठन स्थापित करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। ३. आधुनिक राजनीति में, यह सिद्धान्त कि सृष्टि व्यक्तियों के कल्याण के लिए ही हुई है, व्यक्तियों की सृष्टि राज्य या शासन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए नहीं हुई है (इंडिविजुएअलिज्म)।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					व्यक्तिवादी					 :
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					वि० [सं०] व्यक्तिवाद संबंधी। पुं० वह जो व्यक्तिवाद के सिद्धान्तों का अनुयायी और समर्थक हो। (इंडिविजुअलिज़्म)।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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