शब्द का अर्थ
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					ससन					 :
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					पुं० [सं०√सस् (हिसा करना)+ल्युट—अन] [भू० कृ० ससित] यज्ञ के बलि-पशु का हनन बलिदान। पुं० [सं० श्वसन] १. साँस। २. उच्छ्वास।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ससना					 :
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					स० [सं० ससन] १. यज्ञ में पशु का बलिदान करना। २. मार डालना। वध करना। अ० १. बलिदान होना। २. मारा जाना। अ० [सं० श्वसन] सांस लेना। अ० १. =ससंकना। २. =सिसकना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |