शब्द का अर्थ
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					सानी					 :
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					स्त्री० [हिं० सान (ना)+ई (प्रत्य०)] १. गौओं, बैलों, बकरियों आदि को खली-कराई में सानकर दिया जानेवाला भूसा। पद—सानी-पानी=खली-कराई और भूसे को एक में मिलाना। २. अनुपयुक्त रूप से एक में मिलाये हुए कई प्रकार के खाद्य पदार्थ। स्त्री० [?] गाड़ी के पहिये में लगाई जानेवाली गिट्टक। वि० [अ०] १. दूसरा। द्वितीय। जैसे—औरंगजेब सानी। २. जोड़ का। बराबरी का। तुल्य। समान। पद—ल-सानी=अद्वितीय। अतुल्य। स्त्री०=सनई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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