शब्द का अर्थ
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					सामग					 :
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					पुं० [सं० साम्√गम् (जाना)+ड=गै (शब्द करना)+टक्] [स्त्री० सामगी] १. वह जो साम वेद का अच्छा ज्ञाता हो, और अनेक मंत्र ठीक तरह से गा या पढ़ सकता हो। २. विष्णु का एक नाम।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					सामग्री					 :
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					स्त्री० [सं० समग्र+ण्यञ्-ङीष् यलोप] १. वे चीजें जिनका सामूहिक रूप से किसी काम में उपयोग होता है। जैसे—लेखन-सामग्री, यज्ञ सामग्री। २. किसी उत्पादन निर्माण, रचना आदि के सहायक अंग या तत्व। सामान। ३. साधन। ४. घर ग्रहस्थी की चीजें। विशेषः इसका प्रयोग सदा एक वचन में होता है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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