शब्द का अर्थ
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सिंह-विक्रीड :
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पुं० [सं०] दंडंक वृत्त का एक भेद जिसमें नौ से अधिक यगण होते हैं। इसका प्रयोग अधिकता से प्राकृत भाषा के कवियों ने किया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिंह-विक्रीडित :
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पुं० [सं०] १. योग में एक प्रकार की समाधि। २. संगीत में, एक प्रकार का ताल। ३. दे० ‘सिंह-विक्रीड’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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