अवस्था/avastha

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

अवस्थांतर  : पुं० [सं० अवस्था-अंतर, मयू० स०] एक अवस्था में बदली हुई दूसरी अवस्था। परिवर्तित दशा या स्थिति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अवस्था  : स्त्री० [सं० अव√स्था (ठहरना)+अङ्-टाप्] १. किसी विशिष्ट या स्वतंत्र रूप में अस्तित्व में (वर्त्तमान या स्थित) होने का तत्त्व, भाव या स्वरूप। दशा। स्थिति। हालत। (कन्डिशन) जैसे—(क) कौमार्य का बाल्यावस्था, (ख) रोगी की अवस्था, (ग) युद्ध या शान्ति की अवस्था आदि। विशेष—(क) तात्त्विक दृष्टि से अवस्था किसी बात या वस्तु का वह वर्त्तमान रूप है जिससे वह स्थित दिखाई देती है और जिसमें समयानुसार परिवर्त्तन भी होता रहता है। यह बहुत कुछ वातावरण या परिस्थितियों पर भी आश्रित रहती है। (ख) वेदान्त में इसी आधार पर मनुष्य की चार (जाग्रति, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय) तथा निरुक्त के अनुसार पदार्थों की छः (जन्म, स्थिति, वर्धन, विपरिणयन, अपक्षय और नाश) अवस्थाएँ मानी गई है। (ग) काम-शास्त्र और साहित्य में इसी को दशा कहते हैं, जो गिनती में दस कहीं गई हैं। (विशेष दे० ‘दशा’)। २. आयु का उतना भाग जितना कथित समय तक बीत चुका हो। उमर। वय। जैसे—दस वर्ष की अवस्था में वे निकल पड़े थे। ३. किसी प्रकार की दृष्य आकृति या स्वरूप। जैसे—उनकी अवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। ४. भग। योनि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अवस्थान  : पुं० [सं० अव√स्था+ल्युट्-अन] १. आकर ठहरने या रूकने या कोई काम होने का स्थान। (स्टेशन) जैसे—रेलवे अवस्थान (रेलवे स्टेशन), आरक्षी अवस्थान (पुलिस स्टेशन) आदि। २. निवास-स्थान। ३. कोई अमूर्त्त परन्तु निश्चित या विशिष्ट स्थान या स्थिति। (स्टेज) ४. वह केन्द्र बिंदु जिसपर और सब बातें या वस्तुएँ आश्रित या स्थिर हों। ५. संपत्ति आदि पर रहने या होनेवाला किसी का अधिकार या स्वत्व।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अवस्थापन  : पुं० [सं० अव√स्था+णिच्, पुक्+ल्युट्-अन] १. निश्चित या तै करना। २. निवास स्थान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ