उचाट/uchaat

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शब्द का अर्थ

उचाट  : पुं० [सं० उच्चाटन] ऐसी स्थिति जिसमें मन किसी बात से ऊब या उदासीन हो गया हो। मन का ऊब जाना अथवा न लगना। वि० [सं० उच्चाटन] १. जो उचट गया हो। २. उदासीन या विरक्त (मन)। जैसे—मन उचाट होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटना  : स० [हिं० उचटना] १. किसी का मन कहीं से या किसी की ओर विरक्त करना। उदाहरण—लोग उचाटे अमरपति कुटिल कुअवसर पाइ।—तुलसी। २. ध्यान भंग करना। ३. दे० ‘उचाड़ना’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटी  : स्त्री० [सं० उच्चाट] मन उचटने की क्रिया या भाव। ऐसी स्थिति जिसमें मन किसी ओर से उदासीन या खिन्न हो गया हो। उचाट होने की अवस्था या भाव। उदाहरण—भइँ सब भवन काज ते भई उचाटी।—सूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटू  : वि० [हिं० उचाट] उचाटनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाट  : पुं० [सं० उच्चाटन] ऐसी स्थिति जिसमें मन किसी बात से ऊब या उदासीन हो गया हो। मन का ऊब जाना अथवा न लगना। वि० [सं० उच्चाटन] १. जो उचट गया हो। २. उदासीन या विरक्त (मन)। जैसे—मन उचाट होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटना  : स० [हिं० उचटना] १. किसी का मन कहीं से या किसी की ओर विरक्त करना। उदाहरण—लोग उचाटे अमरपति कुटिल कुअवसर पाइ।—तुलसी। २. ध्यान भंग करना। ३. दे० ‘उचाड़ना’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटी  : स्त्री० [सं० उच्चाट] मन उचटने की क्रिया या भाव। ऐसी स्थिति जिसमें मन किसी ओर से उदासीन या खिन्न हो गया हो। उचाट होने की अवस्था या भाव। उदाहरण—भइँ सब भवन काज ते भई उचाटी।—सूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचाटू  : वि० [हिं० उचाट] उचाटनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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