उड़ना/udana

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उड़ना  : अ० [सं० उड्डयन] १. पंखों या परों की सहायता से आधार छोड़कर ऊपर उठना और आकाश का वायु में इधर-उधर आना जाना। जैसे—चिड़ियों या फतिंगों का हवा में में उड़ना। २. अलौकिक या आध्यात्मिक शक्ति, मंत्र-बल आदि की सहायता से आकाश में उठकर इधर-उधर आना-जाना। जैसे—योगियों अथवा उड़नखटोलों, विमानों आदि का आकाश में उड़ना। ३. भौतिक, यांत्रिक, वैज्ञानिक आदि क्रियाओं से कुछ विशिष्ट प्रकार की रचनाओं, यानों आदि का आकाश में उठकर इधर-उधर आना-जाना। जैसे—(क) उड़न-थाल, गुब्बारा या हवाई जहाज उड़ना, (ख) गुड्डी या पतंग उड़ना आदि। ४. कहीं पहुँचने के लिए उछलकर या कुछ ऊपर उठते हुए तेजी से आगे बढ़ना। जैसे—(क)तालाब की मछलियाँ उड़-उड़कर कलोल कर रही थीं। (ख) कई तरह के साँप उड़कर काटते हैं। (ग) एड़ लगाते ही घोड़ा उड़ चला। ५. हवा के झोकें में पड़कर चीजों का तेजी से आगे बढ़ना अथवा इधर-उधर छितराना, बिखरना या दूर निकल जाना। जैसे—(क) जहाज या नाव का पाल उड़ना। (ख) हवा में कपड़े,कागज आदि उड़ना। (ग) आँधी में मकान की छत उड़ना। ६. किसी स्थित वस्तु का कोई अंश रह-रहकर लहराते हुए हवा में ऊपर उठना या हिलना। लहराना। जैसे—(क) किले या जहाज पर लगा हुआ झंडा उड़ना, (ख) धोती या साड़ी का पल्ला उड़ना। उदाहरण—उड़इ लहर पर्वत की नाई।—जायसी। ७. इतनी तेजी से चलना या अचानक पहुँचना कि आकाश में उड़कर आता हुआ सा जान पड़े। जैसे—मालूम होता है कि तुम तो उड़कर यहाँ आ पहुँचे हो। उदाहरण—कोई बोहित जस पवन उड़ाहीं।—जायसी। मुहावरा—उड़ चलना=(क) इतनी तेजी से चलना कि उड़ता हुआ सा जान पड़े। (ख) कोई कला या विद्या सीखते ही उसमें अच्छी गति या योग्यता प्राप्त कर लेना। जैसे—चार ही दिन में वह जादू के खेल दिखाने में उड़ चला। उड़ता बनना या होना-बहुत जल्दी से कहीं से चल देना या हट जाना। जैसे—काम होते ही वह उड़ता बना। ८. ऊपर से आता हुआ आघात या प्रहार बहुत तेजी से बैठना या लगना। जैसे—किसी पर थप्पड़ या बेंत उड़ना। ९. कट-फट कर अलग हो जाना या झटके से दूर जा गिरना। जैसे—(क) इस पुस्तक के कई पन्ने उड़ गये हैं। (ख) तलवार के एक ही वार से उसका सिर उड़ गया। १. इस प्रकार अज्ञात या अदृश्य हो जाना कि जल्दी पता न चले। गायब या लुप्त हो जाना। जैसे—(क) लड़का अभी तक बाजार से नहीं लौटा, न जाने कहाँ उड़ गया। (ख) अभी तो घड़ी यहीं रखी थी, देखते-देखते न जाने कहाँ उड़ गयी। ११. प्राकृतिक, रसायनिक आदि कारणों से किसी चीज का धीरे-धीरे घटते हुए कम हो जाना या न रह जाना। जैसे—कपड़े, दीवार या मेज का रंग उड़ना, डिबिया में से कपूर या शीशी में से दवा उड़ना। १२. लोक या वातावरण इधर-उधर प्रसारित होना या फैलना। जैसे—अफवाह या खबर उड़ना, गुलाल या सुंगंध उड़ना। १३. अनियंत्रित या असंगत रूप से अथवा उचित से बहुत अधिक और मनमाना उपभोग या व्यवहार होना। जैसे—बाग-बगीचे या यार-दोस्तों में मौज उड़ना, दुर्व्यवसनों में धन-दौलत उड़ना, महफिल में शराब-कबाब उड़ना आदि। १४. अपनी स्वाभाविक स्थिति से बहुत अधिक अस्त-व्यस्त या विक्षुब्ध होकर ठीक तरह से अपना काम करने के योग्य न रह जाना। बहुत असमर्थ, चंचल या विचलित होना। जैसे—होश-हवास उड़ना।—उदाहरण—०००बंसी के सुने तै तेरो चित्त उड़ि जायगा।—कोई कवि। १५. किसी को चकमा देने या धोखे में रखने के लिए इधर-उधर की बातों में वास्तविकता छिपाने का प्रयत्न करना। जैसे—आज तो तुम हमसे भी उड़ने लगे। १६. अभिमानपूर्ण आचरण या व्यवहार करके ऐंठ या ठसक दिखलाना। इठलाना। इतराना। जैसे—आज-कल तो उनका मिजाज ही नहीं मिलता, जब देखों तब उड़े फिरते हैं। १७. ऐसा रूप धारण करना जो साधारण से बहुत अधिक आकर्षक, प्रिय या रुचिकर हो। मुहावरा—(किसी वस्तु का) उड़ चलना=बहुत ही मनोहर, रुचिकर या सुखद प्रतीत होना। जैसे—जरा सा केसर पड़ जायगा तो खीर उड़ चलेगी। वि० १. उड़नेवाला। २. बहुत तेजी से आगे बढ़ने या चलनेवाला। जैसे—उड़ना साँप। ३. रह-रहकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने, फैलने या होनेवाला। जैसे—उड़ना जहरबाद, उड़ना फोड़ा आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उड़ना  : अ० [सं० उड्डयन] १. पंखों या परों की सहायता से आधार छोड़कर ऊपर उठना और आकाश का वायु में इधर-उधर आना जाना। जैसे—चिड़ियों या फतिंगों का हवा में में उड़ना। २. अलौकिक या आध्यात्मिक शक्ति, मंत्र-बल आदि की सहायता से आकाश में उठकर इधर-उधर आना-जाना। जैसे—योगियों अथवा उड़नखटोलों, विमानों आदि का आकाश में उड़ना। ३. भौतिक, यांत्रिक, वैज्ञानिक आदि क्रियाओं से कुछ विशिष्ट प्रकार की रचनाओं, यानों आदि का आकाश में उठकर इधर-उधर आना-जाना। जैसे—(क) उड़न-थाल, गुब्बारा या हवाई जहाज उड़ना, (ख) गुड्डी या पतंग उड़ना आदि। ४. कहीं पहुँचने के लिए उछलकर या कुछ ऊपर उठते हुए तेजी से आगे बढ़ना। जैसे—(क)तालाब की मछलियाँ उड़-उड़कर कलोल कर रही थीं। (ख) कई तरह के साँप उड़कर काटते हैं। (ग) एड़ लगाते ही घोड़ा उड़ चला। ५. हवा के झोकें में पड़कर चीजों का तेजी से आगे बढ़ना अथवा इधर-उधर छितराना, बिखरना या दूर निकल जाना। जैसे—(क) जहाज या नाव का पाल उड़ना। (ख) हवा में कपड़े,कागज आदि उड़ना। (ग) आँधी में मकान की छत उड़ना। ६. किसी स्थित वस्तु का कोई अंश रह-रहकर लहराते हुए हवा में ऊपर उठना या हिलना। लहराना। जैसे—(क) किले या जहाज पर लगा हुआ झंडा उड़ना, (ख) धोती या साड़ी का पल्ला उड़ना। उदाहरण—उड़इ लहर पर्वत की नाई।—जायसी। ७. इतनी तेजी से चलना या अचानक पहुँचना कि आकाश में उड़कर आता हुआ सा जान पड़े। जैसे—मालूम होता है कि तुम तो उड़कर यहाँ आ पहुँचे हो। उदाहरण—कोई बोहित जस पवन उड़ाहीं।—जायसी। मुहावरा—उड़ चलना=(क) इतनी तेजी से चलना कि उड़ता हुआ सा जान पड़े। (ख) कोई कला या विद्या सीखते ही उसमें अच्छी गति या योग्यता प्राप्त कर लेना। जैसे—चार ही दिन में वह जादू के खेल दिखाने में उड़ चला। उड़ता बनना या होना-बहुत जल्दी से कहीं से चल देना या हट जाना। जैसे—काम होते ही वह उड़ता बना। ८. ऊपर से आता हुआ आघात या प्रहार बहुत तेजी से बैठना या लगना। जैसे—किसी पर थप्पड़ या बेंत उड़ना। ९. कट-फट कर अलग हो जाना या झटके से दूर जा गिरना। जैसे—(क) इस पुस्तक के कई पन्ने उड़ गये हैं। (ख) तलवार के एक ही वार से उसका सिर उड़ गया। १. इस प्रकार अज्ञात या अदृश्य हो जाना कि जल्दी पता न चले। गायब या लुप्त हो जाना। जैसे—(क) लड़का अभी तक बाजार से नहीं लौटा, न जाने कहाँ उड़ गया। (ख) अभी तो घड़ी यहीं रखी थी, देखते-देखते न जाने कहाँ उड़ गयी। ११. प्राकृतिक, रसायनिक आदि कारणों से किसी चीज का धीरे-धीरे घटते हुए कम हो जाना या न रह जाना। जैसे—कपड़े, दीवार या मेज का रंग उड़ना, डिबिया में से कपूर या शीशी में से दवा उड़ना। १२. लोक या वातावरण इधर-उधर प्रसारित होना या फैलना। जैसे—अफवाह या खबर उड़ना, गुलाल या सुंगंध उड़ना। १३. अनियंत्रित या असंगत रूप से अथवा उचित से बहुत अधिक और मनमाना उपभोग या व्यवहार होना। जैसे—बाग-बगीचे या यार-दोस्तों में मौज उड़ना, दुर्व्यवसनों में धन-दौलत उड़ना, महफिल में शराब-कबाब उड़ना आदि। १४. अपनी स्वाभाविक स्थिति से बहुत अधिक अस्त-व्यस्त या विक्षुब्ध होकर ठीक तरह से अपना काम करने के योग्य न रह जाना। बहुत असमर्थ, चंचल या विचलित होना। जैसे—होश-हवास उड़ना।—उदाहरण—०००बंसी के सुने तै तेरो चित्त उड़ि जायगा।—कोई कवि। १५. किसी को चकमा देने या धोखे में रखने के लिए इधर-उधर की बातों में वास्तविकता छिपाने का प्रयत्न करना। जैसे—आज तो तुम हमसे भी उड़ने लगे। १६. अभिमानपूर्ण आचरण या व्यवहार करके ऐंठ या ठसक दिखलाना। इठलाना। इतराना। जैसे—आज-कल तो उनका मिजाज ही नहीं मिलता, जब देखों तब उड़े फिरते हैं। १७. ऐसा रूप धारण करना जो साधारण से बहुत अधिक आकर्षक, प्रिय या रुचिकर हो। मुहावरा—(किसी वस्तु का) उड़ चलना=बहुत ही मनोहर, रुचिकर या सुखद प्रतीत होना। जैसे—जरा सा केसर पड़ जायगा तो खीर उड़ चलेगी। वि० १. उड़नेवाला। २. बहुत तेजी से आगे बढ़ने या चलनेवाला। जैसे—उड़ना साँप। ३. रह-रहकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने, फैलने या होनेवाला। जैसे—उड़ना जहरबाद, उड़ना फोड़ा आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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