शब्द का अर्थ
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खपड़ा :
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पुं० [सं० खर्पट प्रा.खप्पट] [स्त्री० खपड़ी] १. कुछ विशिष्ट आकार के पकाये हुए मिट्टी के वे खंड जो प्रायः छप्पर पर इस दृष्टि से बिछाये जाते हैं कि वर्षा का पानी छप्पर में से नीचे न चूए। विशेष–ये दो प्रकार के होते हैं– (क) खपुआ और (ख) नरिया। (देखें) २. मिट्टी के घड़े का निचला भाग, गोल आधा भाग। ३. ठीकरा ४. खप्पर। ५. कछुए की पीठ पर कड़ा आवरण। पुं० [देश०] गेहूँ में लगने वाला एक प्रकार का कीड़ा। पुं० [सं० क्षुरपत्र] चौड़े फल वाला तीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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