शब्द का अर्थ
|
खरस :
|
पुं० [फा० खिर्स] भालू। रीछ। (कलंदरों की बोली) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खरसा :
|
पुं० [सं० षड्स] एक प्रकार का पकवान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [देश०] १. गरमी के दिन। गीष्म ऋतु। २. अकाल। स्त्री० [देश] एक प्रकार की मछली। पुं० [फा० खारिश] खुजली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खरसान :
|
स्त्री० [हिं० खर+सान] एक प्रकार की बढ़िया सान जिस पर हथियार रगड़ने से बहुत अधिक तेज और चमकीले हो जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खरसुमा :
|
वि० [फा० खर+सुम] (घोड़ा) जिसके सुम अर्थात् खुर गधे के खुरों जैसे बिलकुल खड़े हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खरसैला :
|
वि० [फा० खारिश, हिं० खरसा=खाज] जो खुजली रोग से पीड़ित हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खरस्वर :
|
वि० [ब० स०] [स्त्री० खरस्वरी] कठोर या कर्कश स्वरवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |