शब्द का अर्थ
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खलि :
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स्त्री० [सं०√खल् (गति)+इन्] खली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खलित :
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वि० [सं० स्खलित] १. चलायमान। चंचल। डिगा हुआ। २. अपने स्थान से गिरा हुआ या हटा हुआ। ३.जिसका वीर्यपात हो चुका हो। ४. अस्पष्ट या अर्थरहित। (बात)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि० [सं०√खल्+क्त] अधम। नीच। पतित। |
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खलिन :
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पुं० [स-लीन, स० त०, पृषो० ह्वस्व] १. घोड़े की लगाम। २. लोहे का वह उपकरण जिसके दोनों ओर लगाम बँधी रहती है। |
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खलियान :
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पुं० [सं० खल और स्थान] १. वह समतल भूमि या मैदान जहाँ फसल काटकर रखी, माँडी तथा बरसाई जाती है। २. अव्यवस्थित रूप से लगाया हुआ ढेर। |
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खलियाना :
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स=खलाना (सब अर्थों में)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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खलिवर्द्धन :
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पुं० [ष० त०] मसूड़ों का एक रोग जिसमें उनकी जड़ का माँस बढ़ जाता है और पीड़ा होती है। |
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खलिश :
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पुं० [सं० ख√लिशु (गति या मिलना)+क] खलसा नाम की मछली। स्त्री० [फा०] १. कोई खटकने, गड़ने या चुभनेवाली चीज। काँटा। २. उक्त प्रकार की चीज गड़ने या चुभने से होनेवाली कसक, टीस या पीड़ा। खटक। |
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समानार्थी शब्द-
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खलिहान :
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पुं०=खलियान। |
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