शब्द का अर्थ
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खाल :
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स्त्री० [सं० क्षाल, प्रा० खाल] १. पशुओं आदि के शरीर पर से खींच कर उतारी हुई त्वचा जिस पर बाल या रोएँ होते हैं। जैसे–बकरी या शेर की खाल। मुहावरा–(किसी के) खाल उधेड़ना या खींचना=(क) किसी के शरीर पर की खाल खींच कर उतारना।(ख) बेतों आदि से बहुत मारना। अपनी खाल में मस्त रहना-अपने पास जो कुछ हो उसी से प्रसन्न और सन्तुष्ट रहना। २. चरसा। मोट। ३.धौंकनी। भाथी। ४. मृत शरीर। ५. आवरण। स्त्री० [सं० खात या अ० खाली] १. नदी आदि के किनारे की नीची भूमि। गहराई या नीचाई। ३. समुद्र की खाड़ी। ४. खाली स्थान। अवकाश। ५. पशुओं आदि के चरने का ऐसा स्थान जिसके बीच में छोटा ताल भी हो। (कुमाऊँ) कश्मीर में इसे मर्ग कहते हैं। |
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खालफूँका :
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पुं० [हिं० खाल+फूँकना] धौंकनी या बाथी चलानेवाला। |
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खालसा :
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वि० [ अ० खालिस-शुद्ध जिसमें किसी प्रकार का मेल न हो] १. जिस पर केवल एक का अधिकार हो किसी दूसरे का साझा न हो। २. (भूमि या संपत्ति) जिस पर राज्य या सरकार ने अधिकार कर लिया हो। जैसे– अंगरेजों ने झाँसी का राज्य खालसा कर दिया था। मुहावरा– खालसा या खालसे से लगाना=राज्य या शासन के अधिकार में चला जाना। पुं० १. सिक्खों का एक संप्रदाय। २. सिक्ख। वि० [ अ० खलास] १. छूटा हुआ। २. मुक्त। मोक्ष-प्राप्त। उदाहरण-कहे कबीर ने भये खालसे राम भगति जिन जानी।–कबीर। |
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खाला :
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वि० [हिं० खाल या खाली] [स्त्री० खाली] नीचा। निम्न (स्थान)। पद-ऊँचा खाला=(क) ऊबड़-खाबड़ (स्थल)। (ख) ऊँच-नीच। भला-बुरा। स्त्री० [ अ० खालः] माता की बहन। मौसी। मुहावरा–(किसी काम या बात को) खाला जी का घर समझना=बहुत सहज या सुगम समझना। |
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खालिक :
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पुं० [अ०] सृष्टि की रचना करनेवाला। ईश्वर। स्रष्टा। |
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खालिस :
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वि० [अ०] १. (द्रव्य या पदार्थ) जिसमें कोई दूसरी चीज मिलाई न गई हो। विशुद्ध। जैसे– खालिस दूध, खालिस सोना। २. जिसमें किसी प्रकार का खोट या दोष न हो। जैसे–खालिस लेन-देन का बर्ताव। |
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खाली :
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वि० [अ० मि सं० खल्ल] १. (पात्र) जिसके अन्दर कोई चीज न हो। रीता। जैसे–खाली लोटा। खाली बक्स। २. जिस पर अथवा जिसके ऊपर कुछ या कोई स्थित न हो। जैसे–खाली कुरसी, खाली जगह, खाली मकान। ३.जिसमें आवश्यक या उपयुक्त पदार्थ या वस्तु न हो। जैसे–खाली पेट। जिसमें पचाने के लिए अन्न न पड़ा हो या न रह गया हो। खाली हाथ-जिसमें (क) गहना या जेवर। (ख) धन या संपत्ति (ग) हथियार न हो। पद-खाली दिन=(क) ऐसा दिन जिसमें कोई विशिष्ट कार्य न हो अथवा न हुआ हो। जैसे– रविवार बहुत से लोगों के लिए खाली दिन होता हैं। (ख) ऐसादिन जिसमें कुछ भी आय अथवा कार्य न हुआ हो। जैसे–आज का सारा दिन खाली गया। ४. (व्यक्ति) जिसके हाथ में कोई रोजगार या काम धंधा न हो।जैसे– इधर महीनों से वह खाली बैठा हैं। ५. (व्यक्ति) जो प्रस्तुत समय में कोई कार्य न कर रहा हो या काम पूरा करके छुट्टी पा चुका हो। जैसे–कल सबेरे जब हम खाली रहें तब आना। ६. जो इस समय उपयोग में न आ रहा हो। जैसे–यदि चाकू खाली हो तो हमें देना। ७. निष्फल या व्यर्थ सिद्ध हुआ हो। जैसे– वार खाली जाना। मुहावरा–खाली देना=ऐसा कौशल या क्रिया करना जिससे किसी का किया हुआ आघात, प्रहार या वार निष्फल हो जाए। साफ बच निकलना। जैसे–वह शत्रुओं के सब वार खाली कर देता गया। ८. जिसमें या जिससे किसी प्रकार के उद्देश्य या प्रायोजन की सिद्धि न होती हो। जैसे–खाली बातें करने से कुछ नहीं होता। ९. किसी चीज या बात से बिलकुल रहित या विहीन। जैसे– (क) अब तो यह जंगल हिंसक पशुओं से खाली हो गया है। (ख) उनकी कोई बात मतलब से खाली नहीं होती। अव्य-बिना किसी को साथ लिए हुए, अकेले। जैसे–(क) खाली तुम्हीं आना और किसी को अपने साथ मत लाना। (ख) यह काम खाली तुम्हीं कर सकते हों। पुं० ताल देनेवाले बाजों (ढोलक, तबला, मृदंग आदि) में बीच में पड़नेवाला वह ताल जो बिना बाएं हाथ का आघात किये इसलिए खाली छोड़ दिया जाता है कि उसके आगे और पीछे के तालों की गिनती ठीक रहे। जैसे–(क) रूद्र ताल १६. तालों का होता है जिसमें ११. आघात और ५. खाली होते हैं। (ख) लक्ष्मी ताल १८. तालों का होता है जिसमें १५. आघात और ३. खाली होते हैं। |
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खालू :
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पुं० [फा०] खाला अर्थात् मौसी का पति। मौसा। |
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खाले :
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क्रि० वि० [हिं० खाला] नीचे की ओर। उदाहरण–सीस नाइ खाले कहँ ढरई।–जायसी। |
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