शब्द का अर्थ
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खुद :
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अव्य० [फा०] स्वयं। आप। पद-खुद-बखुद (देखें)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खुद-परस्त :
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वि० [फा०] [खुद-परस्ती] वह जो अपने आप को ही सबसे बढ़कर समझता हो। |
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खुद-ब-खुद :
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अव्य [फा०] आप से आप। अपनी ही इच्छा से। स्वतः (बिना किसी की प्रेरणा आदि के)। |
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खुद-मुख्तार :
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वि० [फा०] [भाव० खुद-मुख्तारी] जिस पर किसी दूसरे का प्रभुत्व या शासन न हो। स्वतन्त्र। |
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खुद-मुख्तारी :
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स्त्री० [फा०] खुदमुख्तार होने की अवस्था या भाव। स्वतन्त्रता। |
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खुदका :
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पुं०=कुतका। |
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खुदकाश्त :
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स्त्री० [फा०] ऐसी जमीन जिसे उसका मालिक स्वयं जोतता-बोता हो। |
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खुदकुशी :
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स्त्री० [फा०] आत्महत्या। |
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खुदगरज :
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वि० [फा०] [भाव० खुदगरजी] आपना ही काम या मतलब देखनेवाला। स्वार्थी। |
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खुदगरजी :
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स्त्री० [फा०] खुदगरज होने की अवस्था या भाव। स्वार्थपरायणता। |
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खुदना :
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अ० [हिं० खोदना का अ०] १. जमीन आदि का खोदा जाना। जैसे– खान या नहर खुदना। २. खुदने के रूप में अंकित या चिह्नित होना। जैसे–बरतन पर नाम खुदना। |
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खुदरा :
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पुं० [फा० खुर्दा, सं० क्षुद्र] १. छोटी और साधारण वस्तु। फुटकर चीज। २. किसी पूरी चीज में के छोटे-छोटे अंश, खंड या टुकड़े। जैसे–दस रुपये के नोट का खुदरा। ३. चीजों की ब्रिकी का वह प्रकार जिसमें वे इकट्ठी या पूरी नहीं, बल्कि टुकड़े-टुकड़े या थोड़ी-थोड़ी करके बेची जाती हैं। थोक का विपर्याय। जैसे– थोक के व्यापारी खुदरा माल नहीं बेचते। वि० १. जो छोट-छोटे अंशों या टुकड़ों में हो। जैसे–खुदरा(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) नोट, खुदरा सौदा। २. थोड़ा-थोड़ा करके बिकनेवाला। (रिटेल)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=खुरदुरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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खुदराई :
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स्त्री० [फा०] खुदराय होने की अवस्था या भाव। |
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खुदराय :
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वि० [फा०] १. अपनी ही राय या विचार के अनुसार सब काम करनेवाला। दूसरों की राय न मानने या सुननेवाला। २. स्वेच्छा-चारी। निरंकुश। |
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खुदवाई :
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स्त्री० [हिं० खुदवाना] १. खुदवाने की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
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खुदवाना :
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स० [हिं० खोदना का प्रे०] खोदने का काम दूसरे से कराना। |
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खुदा :
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पुं० [फा०] १. परमात्मा। परमेश्वर। मुहावरा–खुदा-खुदा करके=बहुत कठिनता से। बड़ी मुश्किल से। खुदा लगती कहना-ऐसी ठीक और सच्ची बात कहना, जिससे ईश्वर प्रसन्न हो। पद-खुदा का घर-मसजिद। जिसमें ईश्वर का निवास माना जाता और उपासना की जाती है। कुदा की मार-दैवी प्रकोप। खुदा-न-ख्वास्ता-ईश्वर न करे कि ऐसा हो। (अशुभ बातों के प्रसंग में) जैसे– खुदा-न-ख्वास्ता अगर आप बीमार पड़ जाएँ तो ? |
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खुदा-परस्त :
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वि० [फा०] [भाव० खुदापरस्ती] ईश्वर को मानने तथा उसकी उपासना करनेवाला। आस्तिक। |
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खुदा-हाफिज :
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पद [फा०] ईश्वर तुम्हारी रक्षा करे। (विदाई आदि के समय) |
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खुदाई :
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स्त्री०=खोदाई। वि० [फा० खोदाई] खुदा या ईश्वर की ओर से आने या होनेवाला ईश्वरीय। पद-खुदाई रात=ऐसी रात जिसमें बराबर जागते रहकर ईश्वर का ध्यान किया जाए। स्त्री० १. खुदा होने की अवस्था, पद या भाव। ईश्वरता। २. ईस्वर की रची हुई सारी सृष्टि। ३.सृष्टि में रहनेवाले सभी प्राणी या लोग। |
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खुदाव :
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पुं० [हिं० खोदना] १. किसी चीज के ऊपर किया हुआ खोदाई का काम। २. किसी चीज के ऊपर आकृति, रूप आदि खुदे होने का ढंग। |
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खुदावंद :
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पुं० [फा०] १. ईश्वर। २. मालिक। स्वामी। अव्य० जी हजूर। हाँ सरकार। (बड़ो से बातचीत करने अथवा उन्हें सम्बोधित करने के समय) |
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खुदी :
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पुं० [फा०] १. ‘खुद’ का अभाव। अहंभाव। २. अभिमान। घमंड। ३. शेखी। |
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खुद्दी :
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स्त्री० [सं० क्षुद्र] १. चावल, दाल आदि के बहुत छोटे-छोटे टुकड़े। किनकी। २. तर पदार्थ के नीचे की तलछट। |
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