टलन/talan

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टलन  : पुं० [सं०√टल् (बेचैन होना)+ल्युट-अन] धबड़ाहट। विह्वलता। स्त्री० [हिं० टलना] टलने की अवस्था, क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
टलना  : अ० [सं० टलन=विचलित होना] १. हिं टालना का अ० रूप। किसी चीज का अपने स्थान से कुछ खिसकना, सरकना या हटना। २. किसी काम से आये हुए व्यक्ति का बिना अपना काम पूरा किये चले जाना या हट जाना। जैसे–आज तो वह जैसे–तैसे टल गया, कल देखा जायगा। किसी अनिष्ट घटना या स्थिति का किसी प्रकार घटित होने से रुक जाना या कुछ समय के लिए स्थगित हो जाना। जैसे–चलो यह बला भी टली। ४. किसी काम का अपने पूर्व निश्चित समय पर न होकर स्थगित होना। जैसे–मुकदमे की तारीख टलना। ५. किसी के अनुरोध, आग्रह, आदेश, निश्चय आदि का पालन न होना। किसी की बात का न माना जाना। जैसे–उनकी आज्ञा टल नहीं सकती। ६. अपने कार्य, निश्चय, विचार आदि छोड़ना या उनसे हटना। जैसे–यह लड़का इतनी मार खाता है, पर अपनी आदतों (या शरारतों) से किसी तरह नहीं टलता। ७. बहुत कठिनता से या जैसे–तैसे समय बिताना। जैसे–आज का दिन तो किसी तरह टाले नहीं टलता। टलमल
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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