तबीअत/tabeeat

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तबीअत  : स्त्री० [अ०] १. स्वास्थ्य की दृष्टि से किसी की शारीरिक या मानसिक स्थिति। मिजाज। मुहावरा–तबीअत खराब होना=शरीर अस्वथ्य या रोगी होना। बीमार होना। जैसे–इधर महीनों से उनकी तबीयत खराब है। तबीअत बिगड़ना=(क) कै या मिचली मालूम होना। (ख) अस्वस्थता या रोग का आक्रमण होता हुआ जान पड़ना। २. आचरण या व्यवहार की दृष्टि से किसी की प्रवृत्ति या मनोवृत्ति। मन की रूझान। ३. जी। मन। हृदय। मुहावरा–(किसी पर) तबीअत आना=मन में किसी के प्रति अनुराग या प्रेम उत्पन्न होना। (किसी चीज पर) तबीअत आना=मन में कोई चीज पाने या लेने की इच्छा होना। तबीअत फड़क उठना या जाना=कोई अच्छी चीज या बात देखकर चित्त या मन बहुत अधिक प्रसन्न होना। तबीयत पाना-अच्छे स्वभाववाला होना। जैसे–उन्होंने अच्छी तबीअत पाई है। (किसी काम या बात से) तबीअत भर जाना=मन में अनुराग, कामना आदि न रह जाना और विरक्ति सी उत्पन्न होना। (अपनी) तबीअत भरना=अपनी तसल्ली या समाधान करना। जैसे–पहले मकान देखकर अपनी तबीअत भर लो, तब उसे लेने का विचार करना। (किसी की) तबीयत भरना=किसी का पूरा संतोष या समाधान करना। (किसी काम में) तबीयत लगाना=कोई काम करने में चित्त, ध्यान या मन लगना। जैसे–लिखने-पढ़ने में तो उसकी तबीअत ही नहीं लगती। (किसी से) तबीअत लगाना=अनुराग या प्रेम करना। ४. बुद्धि। समझ। मुहावरा–तबीअत पर जोर डालना या देना=अच्छी तरह मन लगाते हुए समझादारी से काम लेना। जैसे–जरा तबीयत पर जोर डालोगे तो कोई न कोई रास्ता निकल ही आवेगा। तबीअत लड़ाना-तबीअत पर जोर डालना।
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तबीअतदार  : वि० [अ० तबीयत+फा० दार] [भाव० तबीअतदारी] १. अच्छी तबीयत या बुद्धिवाला। २. सहज में औरों से मेल-मिलाप करने और रसपूर्ण कामों या बातों में सम्मिलित होनेवाला। भावुक। रसिक।
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तबीअतदारी  : स्त्री० [अ०तबीअत+फा०दारी] १.तबीअतदार होने की अवस्था या भाव। २. समझदारी। ३. भावुकता। रसिकता।
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