शब्द का अर्थ
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					फुरन					 :
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					स्त्री० [हिं० फुरना] फुरने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					फुरना					 :
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					अ० [सं० स्फुरण, प्रा० फुरण] [भाव० फुरन] १. स्फुरित होना। उद्भूत या प्रकट होना। निकलना। जैसे—मुँह से बात फुरना। २. ठीक या पूरा उतरना। सत्य सिद्ध होना। ३. अर्थ या आशय समझ में आना। ४. किसी सोची हुई बात का पूरा या सफल होना। ५. चमकना। ६. परों का फड़फड़ाना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					फुरनी-दाना					 :
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					पुं० [फुरनी ?+हिं० दाना] एक प्रकार का चबैना जिसमें चना और चिवड़ा एक साथ मिला रहता है और जो प्रायः घी या तेल में भुना हुआ होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |