शब्द का अर्थ
|
रंड :
|
वि० [सं० रम् (क्रीड़ा)+ड] १. धूर्त। चालाक। २. विकल। बेचैन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडक :
|
पुं० [सं० रंड+कन्] ऐसा पेड़ जो फूलता-फलता न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रँडवा :
|
पुं० =रँडुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडा :
|
वि० स्त्री० [सं० रंड+टाप्] राँड़। विधवा। बेवा। पुं० =रँडुआ। (पश्चिम)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रँडापा :
|
पुं० [हिं० राँड़+आपा (प्रत्यय)] १. राँड़ अर्थात् विधवा होने की दशा या भाव। २. रांड़ के रूप में बिताया जानेवाला समय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडाश्रमी (मिन्) :
|
पुं० [सं० रंड-आश्रम, ष० त० रंडाश्रम+इनि] ४८ वर्ष से अधिक की अवस्था में होनेवाला रँडुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडिया :
|
स्त्री०=राँड़। २. =रंडी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडी :
|
स्त्री० [सं० रंडा] १. वह स्त्री जिसका पति मर चुका हो। राँड़। विधवा (पश्चिम) २. ऐसी स्त्री जो विधवा होने पर व्यभिचार से अपनी जीविता चलाती हो। ३. धन लेकर संभोग करानेवाली स्त्री। वेश्या। ४. युवती और सुन्दर स्त्री। (राज०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडीबाज :
|
पुं० [हिं० रंडी+फा० बाज] [भाव० रंडीबाजी] वह जो प्रायः रंडियों के यहाँ जाकर उनसे संभोग करता हो। वेश्यागामी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडीबाजी :
|
स्त्री० [हिं० रंडी+फा० बाजी] १. रंडीबाज होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. रंडी के साथ की जानेवाली मित्रता या संभोग। क्रि० प्र०—करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रँडुआ :
|
पुं० [हिं० राँड़+उआ (प्रत्यय)] ऐसा व्यक्ति जिसकी पत्नी मर चुकी हो और अन्य पत्नी अभी न आई हो। विधुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रँडुवा :
|
पुं० =रँडुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रंडोरा :
|
पुं० =रँडुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रँडोरी :
|
स्त्री०=राँड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |