शब्द का अर्थ
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रट :
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स्त्री० [हिं० रट] रटने की अवस्था, क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—मचाना।—लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रटंत :
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स्त्री० [चि० रटना+अंत (प्रत्यय)] रटने की क्रिया या भाव। रटाई। |
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रटति :
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वि० [सं०√रट्+क्त] १. रटा हुआ। २. जो रटा जा रहा हो। उदाहरण—अगणित कंठ रटित वन्दे मातरम् मंत्र से।—पंत। |
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रटंती :
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स्त्री० [सं०√रट् (रटना)+झच्-अन्त, +ङीष्, ] माघ कृष्ण चतुर्दशी। |
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रटन :
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स्त्री० [सं०√रट् (रटाना)+ल्युट-अन] बार-बार किसी नाम, शब्द आदि का उच्चारण करने अर्थात् रटने की क्रिया या भाव। रट। रटाई। पुं० कहना। बोलना। |
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रटना :
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[सं० रटन] कंठस्थ करने तथा स्मृति-पथ में लाने के लिए किसी पद, वाक्य आदि का बार-बार जोर-जोर से तथा जल्दी-जल्दी उच्चारण करना। |
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