शब्द का अर्थ
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रर :
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स्त्री० [हिं० ररना] ररने की क्रिया या भाव। रट। रटन। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ररक :
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स्त्री०=रड़क। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ररकना :
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अ०=रड़कना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ररंकार :
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पुं० [सं० रकार] रकार की ध्वनि। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ररना :
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अ० [प्रा० रड=खिसकना] १. अपनी जगह से खिसक कर नीचे आना। २. दीन भाव से प्रार्थना या याचना करते हुए रोना। ३. विलाप करना। रोना। उदाहरण—ररि दूबरि भइ टेक बिहूनी।—जायसी। स०=रटना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ररिहा :
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वि० [हिं० रखना+हा (प्रत्यय)] ररने या गिड़गिड़ानेवाला। पुं० बहुत ही गिड़गिड़ाते हुए पीछे पड जानेवाला। भिखमंगा या याचक। पुं० =रुरुआ (उल्लू की जाति का पक्षी)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रर्रा :
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वि० [हिं० रार=झगड़ा] १. रार अर्थात् झगड़ा करनेवाला। झगड़ालू। २. अधम। नीच। पुं० =ररिहा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |