शब्द का अर्थ
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रस-राज :
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पुं० [सं० ष० त०] १. पारद। पारा। २. साहित्य का श्रृंगार रस। ३. रसांजन। रसौत। ४. वैद्यक में एक प्रकार का औषध जो ताँबे के भस्म, गंधक और पारे के योग से बनता है और जिसका व्यवहार तिल्ली, बरवट आदि में होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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