रसवत्/rasavat

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

रसवत्  : वि० [सं० रस+मतुप्] [स्त्री० रसवती] जिसमें रस हो। रसवाला। पुं० साहित्य में एक प्रकार का अलंकार जो उस समय माना जाता है, जब एक रस किसी दूसरे रस अथवा उसके भाव, रसाभाव, भावाभास आदि का अंग बनकर आता है। जैसे—युद्ध में निहत वीरपति का हाथ पकड़कर पत्नी का यह कहते हुए विलाप करना-यह वही हाथ है जो प्रेमपूर्वक मुझे आलिंगन करता था। यहाँ श्रृंगार रस केवल करुण रस का अंग बनकर आया है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रसवत्ता  : स्त्री० [रसवत्त+तल्+टाप्०] १. रसयुक्त होने की अवस्था , धर्म या भाव। रसीलापन। २. माधुर्य। मिठास। ३. सुन्दरता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ