शब्द का अर्थ
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रसवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] १. रस अर्थात् प्रेम या आनंद की बातचीत रसिकता की बातचीत। २. मन बहलाव के लिए होनेवाला परिहास हँसी-ठट्ठा। ३. प्रेमी और प्रेमिका में होनेवाली व्यर्थ की कहा-सुनी या बकवास। ४. साहित्यिक क्षेत्र में यह मत या सिद्धान्त कि रस के सम्बन्ध में विचार करते हुए और उसके महत्त्व का ध्यान रखते हुए ही साहित्यिक रचना की जानी चाहिए। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रसवादी (दिन्) :
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वि० [सं० रसवाद+इनि] रसवाद-संबंधी। पुं० रसवाद के सिद्धान्तों का प्रतिपादक या अनुयायी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |