शब्द का अर्थ
|
रसांतर :
|
पुं० [सं० रस-अंतर, मयू० स०] एक रस की अवस्थिति में दूसरे रस का होनेवाला आविर्भाव या संचार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रसांतरण :
|
पुं० [सं० रस-अंतरण, ष० त०] एक रस की अवस्थिति हटा कर दूसरे रस का संचार करना। जैसे—प्रेम चर्चा के समय बिगड़कर प्रिय की उपेक्षा करना या उसे भय दिखाना या क्रोध के समय हँसाकर प्रसन्न करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|