शब्द का अर्थ
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राम :
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पुं० [सं०√रन् (क्रीड़ा)+घञ्] १. महाराज दशरथ के पुत्र जिनका विवाह जनक की कन्या जानकी या सीता से हुआ था और जो विष्णु के दस अवतारों में से एक माने जाते हैं। रामायण की कथा इन्हीं के चरित्र पर आधारित है। रामचन्द्र। पद—राम नाम सत्य है-एक वाक्य जिसका प्रयोग कुछ हिन्दू जातियों में मृतकों को श्मशान ले जाने के समय होता है और संसार की असारता और मिथ्यात्व तथा ईश्वर की सत्यता का बोध कराया जाता है। मुहावरा—राम जाने=(क) मुझे नहीं मालूम। ईश्वर जाने। (ख) यदि मैं झूठ बोलता होऊँ तो ईश्वर उसका साक्षी रहे और मुझे उसके लिए दंड दे। राम राम करके=बहुत कठिनता से। किसी प्रकार। जैसे—तैसे। ‘राम राम’ करना= (क) राम अर्थात् ईश्वर या भगवान् का नाम जपना। (ख) किसी से भेंट होने पर राम राम कह करके अभिवादन करना। (किसी का) राम राम हो जाना=मर जाना। गत हो जाना। (किसी से) राम राम होना=भेंट होना। मुलाकात होना। रामशरण होना=(क) साधु होना। विरक्त होना। (ख) परलोकवासी होना। मरना। २. कृष्ण के बड़े भाई बलराम या बलदेव। ३. परशुराम। ४. उक्त तीनों के आधार पर तीन की संख्या का वाचक शब्द। ५. ईश्वर। परमात्मा। ६. वरुण। ७. एक प्रकार का मात्रिक छंद जिसमें ९ और ८ के विराम के प्रत्येक चरण में १७ मात्राएँ होती हैं और अंत में यगण होता है। ८. रति क्रीड़ा। ९. घोड़ा। १॰. अशोक वृक्ष। ११. बथुआ नाम का साग। १२. तेजपत्ता। वि० [सं० रम्य] अभिराम। सुन्दर। उदाहरण—देखत अनूप सेना पति राम रूप छवि।—सेनापति। वि० [फा०] १. ठीक। दुरुस्त। २. अनुकूल। ३. राजी। सहमत। जैसे—उसने बातों ही बातों में उसे राम कर लिया (पश्चिम)। |
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राम-अंजीर :
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स्त्री० [सं० राम+फा० अंजीर] पाकर (वृक्ष)। पकरिया। |
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राम-कजरा :
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पुं० [देश] अगहन में पककर तैयार होनेवाला एक प्रकार का धान। |
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राम-कपास :
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स्त्री० [हिं० राम+कपास] देवकपास। नरमा। |
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राम-कपूर :
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पुं० [हिं०] गंधतृण। |
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राम-कली :
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स्त्री० [सं० ब० स०] एक रागिनी जो भैरव राग की स्त्री मानी जाती है। |
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राम-कहानी :
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स्त्री० [हिं०] १. अपने जीवन तथा उसके किसी प्रसंग का दूसरों को सुनाया जानेवाला वृत्तांत। २. किसी पर बीती हुई घटनाओं का लंबा या विस्तृत वर्णन। क्रि० प्र०—कहना।—सुनाना। |
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राम-काँटा :
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पुं० [हिं० राम+काँटा] एक प्रकार का बबूल। |
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राम-कुंतली :
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स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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राम-कुसुमावलि :
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स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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राम-केला :
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पुं० [हिं० राम+केला] १. एक प्रकार का बढ़िया केला। २. एक प्रकार का बढ़िया पूर्वी आम। |
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राम-क्रिय :
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पुं० संगीत में कर्नाटकी पद्धति का एक राग। |
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राम-क्षेत्र :
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पुं० [सं० ष० त०] दक्षिण भारत का एक प्राचीन तीर्थ। (पुराण)। |
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राम-गंगरा :
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पुं० [हिं० राम+गाँगरा] १. एक प्रकार की पहाड़ी चिड़िया। जिसका सिर, गरदन और छाती चमकीले काले रंग की होती है। यह जाड़े में भी मैदानों में उतर आती है। |
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राम-गंगा :
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स्त्री० [सं० मध्य० स०] उत्तर प्रदेश की एक नदी जो फर्खाबाद के पास गंगा में मिलती हैं। |
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राम-गिरि :
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पुं० [सं० मध्य० स०] १. मेघदूत में वर्णित एक पर्वत-शिखर जो आधुनिक नागपुर में स्थित माना जाता है। राम-टेक। २. संगीत में कर्नाटकी पद्धति का एक राग। |
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राम-गिरी :
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स्त्री०=रामकली। (रागिनी)। पुं० =रामगिरि। |
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राम-गीती :
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पुं० [सं०] एक प्रकार का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में ३६ मात्राएँ होती है। |
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राम-चकरा :
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पुं० [सं० राम+चक्र] १. उरद की पीठी को तलकर तैयार किया जानेवाला बडा। २. बड़ी और मोटी देहाती रोटी। ३. बाटी। लिट्टी। |
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राम-चिड़िया :
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स्त्री० [देश] मछरंगा। |
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राम-जननी :
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स्त्री० [सं० ष० त०] १. कौशल्या। २. रेणुका। ३. रोहिणी। |
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राम-जना :
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पुं० [हिं० राम+जना=उत्पन्न] [स्त्री० रामजनी] १. वह जिसका पिता ईश्वर हो, अर्थात् जिसके पिता का पता न हो। वर्णसंकार। दोगला। २. एक संकर जाति जिसकी कन्याएँ वेश्यावृत्ति करती हैं। |
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राम-जनी :
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स्त्री० [हिं० राम-जना] १. ऐसी स्त्री जिसके पिता का पता न हो २. रामजना जाति की स्त्री। ३. रंडी। वेश्या। |
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राम-जमनी :
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पुं० =रामजमानी। |
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राम-जमानी :
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पुं० [सं० राम+यवनी (अजवायन)] एक प्रकार का बहुत बारीक चावल। |
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राम-जामुन :
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पुं० [हिं० राम+जामुन] मझोले आकार का एक प्रकार का जामुन (वृक्ष)। |
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राम-जुहारी :
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स्त्री० [हिं०] १. एक प्रकार का अभिवादन जिसका अर्थ है-राम राम या जयराम। २. दे० ‘राम-दहारी’। |
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राम-जौ :
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पुं० [सं० राम+हिं० जौ] एक प्रकार की जई जिसके दाने जौ के दाने के आकार के होते हैं। |
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राम-झोल :
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स्त्री० [सं० राम+हिं० झूलना] पाजेब। पायल। |
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राम-टेक :
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पुं० [हिं० राम+टेक=लकड़ी (पहाडी)] नागपुर जिले में स्थित एक पर्वत शिखर। रामगिरि। |
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राम-तरुणी :
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स्त्री० [सं० ष० त०] १. रामचन्द्र की पत्नी, सीता। २. सेवती (सफेद गुलाब)। |
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राम-तरोई :
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स्त्री० [हिं० राम+तरोई या तुरई] भिंडी का पौधा और उसकी फली। |
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राम-तापनीय :
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स्त्री० [सं० मध्य० स० वा ष० त०] एक आधुनिक साम्प्रदायिक उपनिषद्। |
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राम-तारक :
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पुं० [सं० ष० त०] ‘रा रामाय नमः’ नामक मंत्र तो रामोपासक जपते हैं। |
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राम-तिल :
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पुं० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार का तिल। |
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राम-तीर्थ :
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पुं० [सं० मध्य० स०] रामगिरि पर्वत शिखर जो एक तीर्थ है। |
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राम-तुलसी :
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स्त्री० [सं० मध्य० स०]=रामा-तुलसी (सफेद डंठलों वाली तुलसी)। |
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राम-तुलसी :
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स्त्री० [सं०] सफेद डंठलोंवाली एक प्रकार की तुलसी (पौधा)। |
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राम-तेजपात :
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पुं० [हिं० राम+तेजपात] तेजपात की जाति का एक प्रकार का वृक्ष और उसका पत्ता। |
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राम-दल :
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पुं० [सं० ष० त०] १. बंदरों की वह सेना जिसकी सहायता से रामचन्द्र ने लंका पर चढ़ाई की थी। २. कोई बहुत बड़ा और प्रबल समूह या सेना। ३. दशहरे के अवसर पर रामचन्द्र की स्मृति में निकलनेवाला जुलूस। |
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राम-दाना :
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पुं० [सं० राम+हिं० दाना] १. मरसे या चौराई की जाति का एक पौधा जिसमें सफेद रंग के बहुत छोटे-छोटे दाने या बीज लगते हैं। २. उक्त पौधे के दाने जो कई रूपों में खाने के काम आते हैं। ३. एक प्रकार का धान। |
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राम-दास :
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पुं० [सं० ष० त०] १. हनुमान। २. शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास। ३. एक प्रकार का धान। |
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राम-दूत :
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पुं० [सं० ष० त०] हनुमान्। |
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राम-दूती :
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स्त्री० [सं० ष० त०] १. एकप्रकार की तुलसी। २. नागदौन। ३. नागपुष्पी। |
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राम-धाम (न्) :
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पुं० [सं० ष० त०] साकेत, लोक, जहाँ भगवान नित्य राम —रूप में विद्यमान माने जाते हैं। |
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राम-ननुआ :
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पुं० [हिं० राम+ननुआ] १. घीया। २. कद्दू। |
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राम-नवमी :
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स्त्री० [सं० मध्य० स०] भगवान् रामचन्द्र का जन्म-दिवस चैत्र शुक्ल नवमी। |
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राम-पात :
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पुं० [हिं० राम+पत्र] नील की जाति की एक प्रकार की झाड़ी जिसकी पत्तियों से रंग तैयार किया जाता है। |
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राम-फल :
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पुं० [हिं० राम+फल] शरीफा। सीताफल। |
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राम-बँटाई :
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स्त्री० [हिं० राम+बाँटना] ऐसा बँटवारा या विभाजन जिसमें आधा एक व्यक्ति और आधा दूसरे व्यक्ति को मिले। आधे-आध की बँटाई। |
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राम-बबूल :
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पुं० [हिं० राम+बबूल] एक प्रकार का बबूल। |
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राम-बान :
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पुं० [हिं० राम+सं० बाण] १. एक प्रकार का नरसल। रामशर। २. दे०‘रामबाण’। |
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राम-बाँस :
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पुं० [हिं०] १. एक प्रकार का बाँस। २. केतकी की जाति का एक पौधा। |
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राम-बिलास :
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पुं० [हिं० राम+सं० विलास] एक प्रकार का धान और उसका चावल। |
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राम-भक्त :
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वि० [सं० ष० त०] रामचन्द्र का उपासक। पुं० हनुमान। |
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राम-भद्र :
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पुं० [सं० कर्म० स०] रामचन्द्र। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-भोग :
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पुं० [हिं० राम+भोग] १. एक प्रकार का चावल। २. एक प्रकार का आम। |
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राम-मंत्र :
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पुं० [सं० ष० त०] ‘रां रामाय नमः’ मंत्र जिसे रामभक्त भजते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-रक्षा :
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पुं० [सं० मध्य० स०] राम जी का एक स्तोत्र जो सब प्रकार की आपत्तियों से रक्षा करनेवाला माना जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-रतन :
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पुं० [हिं० राम+सं० रत्न] चंद्रमा। (डि०) |
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समानार्थी शब्द-
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राम-रस :
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पुं० [हिं० राम+रस] १. नमक। २. पीने के लिए पीसी और घोली हुई भाँग। (दक्षिण भारत) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-रहारी :
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स्त्री० [हिं० राम राम] १. आपस में मिलने पर होनेवाला अभिवादन। पारस्परिक व्यवहार की वह स्थिति जिसमें किसी से बातचीत होती हो। जैसे—अब तो उन लोगों में राम-रहारी भी नहीं रह गई है। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-राज्य :
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पुं० [सं० ष० त०] १. भगवान् राम का राज्य या शासन। २. उक्त के आधार पर ऐसा राज्य या शासन जिसमें प्रजा सब प्रकार से निश्चित संपन्न तथा सुखी हो। ३. मध्य युग में मैसूर राज्य का एक नाम। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-राम :
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अव्य० [हिं० राम] १. भेंट के समय अभिवादन के लिए प्रयुक्त पद। २. आश्चर्य, दुःख आदि का सूचक अव्यय। स्त्री० भेंट। विशेषतः आकस्मिक तथा अल्पकालिक भेंट। जैसे—कई दिन हुए उनसे राम राम हुई थी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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राम-लवण :
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पुं० [सं० मध्य० स०] साँभर नामक। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-लीला :
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स्त्री० [सं० ष० त०] १. राम की क्रीड़ा। २. रामायण में वर्णित घटनाओं के आधार पर होनेवाला अभिनय या नाटक। ३. एक प्रकार का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में २४ मात्राएँ होती है। और अंत में ‘जगण’ का होना आवश्यक होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-वल्लभी (भिन्) :
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पुं० [सं० रामवल्लभ] एक वैष्णव संप्रदाय। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-शर :
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पुं० [सं० ष० त०] ऊख के आकार-प्रकार का एक प्रकार का नरसल या सरकंडा जो ऊख के खेतों में आप से आप ही उगता है। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-शिला :
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स्त्री० [सं० ष० त०] गया जिले में स्थित एक पर्वत शिखर जो एक तीर्थ है। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-श्री :
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पुं० [सं० ष० त०] एक प्रकार का राग जो हिंडोल राग का पुत्र माना जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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राम-संडा :
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पुं० [सं० रामशर] एक प्रकार की घास जिससे रस्सी या बाध बनाते हैं। काँस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-सनेही :
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पुं० [हिं० राम+स्नेही] १. राजस्थान का एक वैष्णव सम्प्रदाय। २. उक्त सम्प्रदाय का अनुयायी। वि० राम से स्नेह या प्रीति रखनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-सिरी :
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स्त्री० [सं० रामश्री] १. एक प्रकार की चिड़िया। २. एक प्रकार की रागिनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-सीता :
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पुं० [हिं० राम+सीता] शरीफा। सीताफल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-सुंदर :
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स्त्री० [हिं० राम+सुन्दर] एक प्रकार की नाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
राम-सेतु :
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पुं० [सं० मध्य० स०] रामेश्वर तीर्थ के पास समुद्र में पड़ी हुई चट्टानों का समूह जिसके विषय में प्रसिद्ध है कि यह वही पुल है जिसे राम ने लंका पर चढ़ाई करते समय बँधवाया था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामचन्द्र :
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पुं० [सं० उपमित० स०] अयोध्यापति राजा दशरथ के पुत्र जिन्होंने रावण का बध किया था। विशेष—हिन्दुओं में ये विष्णु के अवतार माने जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामटोड़ी :
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स्त्री० [सं० ष० त०] एक संकर रागिनी जिसमें गंधार, कोमल और शेष सब स्वर शुद्ध लगते हैं। (संगीत) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामठ :
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पुं० [सं०√रम्+अठ्, बृद्धि] १. बृहत्संहिता के अनुसार एक देश जो पश्चिम में है। २. उक्त देश का निवासी। ३. हींग। ४. अखरोट का पेड़। ५. मैनफल। ६. चिचड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामठी :
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स्त्री० [सं० रामठ+ङीष्] हींग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामणीयक :
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पुं० [सं० रमणीय+वुञ्-अक] रमणीयत्व। मनोहरता। वि० रमणीय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामता :
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स्त्री० [सं० राम+तल्+टाप्] राम होने की अवस्था, गुण या भाव। रामत्व। राम-पन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामति :
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स्त्री० [हिं० रमना=घूमना फिरना] भिक्षा के लिए लगाई जानेवाली फेरी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामत्व :
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पुं० [सं० राम+त्व] राम होने की अवस्था, धर्म या भाव। रामता। राम-पन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामदेव :
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पुं० [सं० कर्म० स०] १. रामचन्द्र। २. राजपूताने में प्रचलित एक सम्प्रदाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामना :
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अ० [सं० रमण] १. रमण करना। २. घूमना-फिरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामनामी :
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स्त्री० [हिं० राम+नाम+ई (प्रत्यय)] १. गले में पहनने का एक प्रकार का हार। २. वह वस्त्र जिस पर सब जगह रामनाम छपा हुआ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामनौमी :
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स्त्री०=रामनवमी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामपुर :
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पुं० [सं० ष० त०] १. स्वर्ग। बैकुंठ। २. अयोध्या नगरी। साकेत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामरज (स) :
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स्त्री० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार की पीली मिट्टी जिसका वैष्णव लोग तिलक लगाते हैं, तथा जो चूने आदि में मिलाकर दीवारे, छत्ते आदि पोतने के काम भी आती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामल :
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वि० [सं० रमल+अण्] रमल सम्बन्धी। रमल का। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामवाण :
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पुं० [सं० ष० त०] वैद्यक में एक प्रकार का रस जो पारे, गंधक, सींगिया आदि के योग से बनता है और जो अजीर्ण रोग का नाशक कहा जाता है। वि० १. जो अत्यन्त गुणकारी हो। २. तुरन्त प्रभाव दिखानेवाला। ३. न चूकनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामवीणा :
|
स्त्री० [सं० ष० त०] एक प्रकार का वीणा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामसखा :
|
पुं० [सं० ष० त०] सुग्रीव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामसर (स्) :
|
पुं० [सं० मध्य० स०] पुराणानुसार एक प्राचीन तीर्थ का नाम। पुं० =रामशर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामा :
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स्त्री० [सं०√रम् (क्रीडा)+णिच्+ण+टाप्] १. सुन्दर स्त्री। २. गाने-नाचने में प्रवीण स्त्री। ३. सीता। ४. लक्ष्मी। ५. रुक्मिणी। ६. राधा। ७. शीतला देवी। ८. नदी। ९. कार्तिक कृष्ण एकादशी की संज्ञा। १॰. इंद्रवज्रा और उपेंद्रवज्रा के योग से बना हुआ एक प्रकार का उपजाति वृत्त जिसके प्रथम दो चरण इन्द्रवज्रा के होते हैं। ११. आर्या छंद का १७ वाँ भेद जिसमें ११ गुरु और ३५ लघु वर्ण होते हैं। १२. आठ अक्षरों का एक प्रकार का वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में तगण, यगण और दो लघु वर्ण होते हैं। १३. हींग। १४. ईंगुर। शिगरफ। १५. घीकुँआर। १६. सफेद भटकटैया। १७. अशोक वृक्ष। १८. तमाल। १९. गोरोचन। २0०सुगंधवाला। २१. त्रायमाण लता। २२. गेरू। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामानंद :
|
पुं० [सं०] रामावत नामक वैष्णव संप्रदाय के प्रवर्त्तक एक प्रसिद्ध आचार्य (१३५६-१४६७ वि)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामानंदी :
|
वि० [हिं० रामानंद+ई (प्रत्यय)] १. रामानंद-संबंधी। २. रामानंद के सम्प्रदाय से सम्बन्ध रखनेवाला। पुं० रामानन्द द्वारा प्रवर्तित रामावत सम्प्रदाय का अनुयायी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामानुज :
|
पुं० [सं० राम-अनुज, ष० त०] १. राम का छोटा भाई। २. लक्ष्मण। ३. एक प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य जिन्होंने श्री वैष्णव संप्रदाय का प्रवर्त्तन किया था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामायण :
|
पुं० [सं० राम-अयन, ष० त०] १. राम का जीवन-मार्ग अर्थात् चरित्र। २. वह ग्रन्थ जिसमें राम के चरित्र का वर्णन हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामायणी :
|
वि० [सं०] रामायण संबंधी। रामायण का। पुं० १. वह जो रामायण का अच्छा ज्ञाता या पंडित हो। २. वह जो लोगों को रामायण की कथा सुनाता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामायन :
|
पुं० =रामायण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामायुध :
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पुं० [सं० राम-आयुध, ष० त०] धनुष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामावत :
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पुं० [सं० रामावित्] रामानन्द द्वारा प्रवर्तित एक वैष्णव संप्रदाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामिज :
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वि० [अ०] रम्ज अर्थात् इशारा करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामिल :
|
पुं० [सं०] १. रमण। २. कामदेव। ३. स्त्री का पति। स्वामी। ४. प्रेमपात्र। ५. एक कवि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामी :
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स्त्री० [सं० रामा] काँस नामक घास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामेश्वर :
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पुं० [सं० राम-ईश्वर, ष० त०] १. दक्षिण भारत में समुद्र के तट पर एक शिवलिंग जो भगवान् रामचन्द्र द्वारा स्थापित किया हुआ माना जाता है। २. पुरी या बस्ती जिसमें उक्त शिवलिंग स्थापित है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
रामोपनिषद् :
|
स्त्री० [सं० राम-उपनिषद्, मध्य० स०] अथर्वेद के अन्तर्गत एक उपनिषद् का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |