शब्द का अर्थ
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रोध :
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पुं० [सं०√रुध् (रोकना)+अच्] १. आगे बढ़ने से रोकनेवाली चीज, तत्त्व या बात। २. चारों ओर से रोकने के लिए बनाया हुआ घेरा। (ब्लाकेड सीज) ३. [√रुध्+अच्] तट। किनारा। ५. छोटा बगीचा। बारी। |
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रोध-अधिकार :
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पुं० [सं०]=निषेधाधिकार (दे०) |
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रोध-प्रतिकूला :
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स्त्री०=रोध-वक्रा। |
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रोध-वक्रा :
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स्त्री० [सं० सुप्सुपा स०] टेढ़े-मेढ़े किनारोंवाली नदी। |
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रोधक :
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वि० [सं०√रुध्+ण्वुल्-अक०] रोकनेवाला। |
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रोधकृत् :
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पुं० [सं० रोध√कृ (करना)+क्विप्, तुक्-आगम] साठ संवत्सरों में से पैतालीसवाँ संवत्सर। (फलित ज्योतिष) |
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रोधन :
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पुं० [सं०√रुध्+ल्युट-अन] १. रोकने की क्रिया या भाव। २. बाधा। रुकावट। ३. दमन। ४. बुध ग्रह। पुं० =रुदन (रोना)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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रोधना :
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स० [सं० रोधन] १. रोकना। २. रूँधना। |
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रोध्र :
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पुं० [सं०√रुध्+रन्] १. अपराध। २. पाप। ३. लोध। |
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