संचय/sanchay

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संचय  : पुं० [सं० सम्√ चि (चयन करना)+अच् भू० कृ० संचित] १. चीजें इकट्ठी करने की क्रिया या भाव। २. जमा करना। संकलन। ३. इकट्ठी की हुई चीजों का ढेर या राशि (एक्यूमुलेशन)। ४. अधिकता। बहुलता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संचयन  : पुं० [सं० सम्√ चि (एकत्र करना)+ल्युट्-अन] १. संचय करने या होने की क्रिया या भाव। २. किसी वस्तु का धीरे धीरे एकत्र होते हुए किसी बड़ी राशि का चित्र धारण करना। इकट्ठा या जमा होना (एक्यूमुलेशन)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संचयिका  : वि० [सं० संचय+ठञ्-इक] जो संचय करता हो। एकत्र या जमा करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संचयी (यिन्)  : वि० [सं० संचय+इनि] संचय करनेवाला जमा करनेवाला। पुं० कंजूस। कृपण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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