संरक्षक/sanrakshak

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संरक्षक  : वि० [सं० सम्√रक्ष् (रक्षाकरना)+णवुल्-अक] [स्त्री० संरक्षिका] १. संरक्षण करने वाला। २ देख-रेख, पालन-पोषण आदि करने वाला। ३. आश्रय या शरण देने वाला। पुं० १. वह जो किसी बालक, स्त्री की देख-रेख भरण पोषण आदि का भार वहन करता हो। अभिभावक। (गार्जियन) २. वह जिसके निरीक्षण या देख रेख में किसी वर्ग के कुछ लोग रहते हों। (वार्डन) ३. आजकल संस्थाओं आदि में वह बहुत बड़ा मान्य व्यक्ति जो उसके प्रधान पोषकों या समर्थकों में माना जाता है। (पेट्रन) विशेष-प्रायः संस्थाएँ अपनी प्रामाणिकता, मान्यता आदि बढ़ाने के लिए गणमान्य विशिष्ट व्यक्तियों को अपना संरक्षक बना लेती हैं।
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संरक्षकता  : स्त्री० [संरक्षक+तल्—टाप्] १. संरक्षक होने की अवस्था या भाव। २. संरक्षक का कार्य या पद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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