संसरण/sansaran

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

संसरण  : पुं० [सम्√सृ (गमनादि)+ल्युट्—अण] [वि० संसरणीय, संसरित, संसृत] १. आगे की ओर खिसकना या बढ़ना। सरकना। २. गमन करना। चलना। ३. सेना या सैनिकों का बिना बाधा के आगे बढते चलना। ४. एक जीवन त्यागकर दूसरा नया जन्म लेना। ५. बहुत दिनों से चला आया हुआ मार्ग या रास्ता। ६. जगत्। संसार। ७. युद्ध का आरंभ। ९. लड़ाई छिड़ना। १॰. प्रचीन भारत में, नगर के मुख्य द्वार के बाहर बना हुआ वह स्थान जहाँ फाटक बंद हो जाने के बाद आये हुए यात्री रात के समय ठहरा करते थे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ