संस्त्रव/sanstrav

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संस्त्रव  : पुं० [सं० सम्√स्त्रु (बहाव मे जाना)+णिच्] [स्त्री० संस्त्रवा] १. मिल-जुल कर एक साथ रहना। २. अच्छी तरह बहना। ३. बहती हुई चीज। ४. जल की धारा या प्रवाह। ५. तरल पदार्थ का रस कर टपकना या बहना। ६. किसी चीज में से उखाड़ा या नोंचा हुआ अंश। ७. एक प्रकार का पिंड दान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संस्त्रवण  : पुं० [सं० सम्√स्त्रु (बहना)+ल्युट्-अन] १. प्रवाहित होना। बहना। २. गिरना। चूना या टपकना। जैसे—गर्भ का संश्रवण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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