संस्पृष्ट/sansprsht

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शब्द का अर्थ

संस्पृष्ट  : भू० कृ० [सं०] १. छुआ हुआ। जिसका किसी के साथ स्पर्श हुआ हो। २. किसी के साथ लगा या सटा हुआ। ३. किसी के साथ जुड़ा या बँधा हुआ। ४. जो बहुत पास हो समीपस्थ। ५. जिसपर किसी का बहुत थोड़ा नाम मात्र का प्रभाव पड़ा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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