सड़ना/sadana

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

सड़ना  : अ० [सं० शादन या सरण] १. किसी पदार्थ में ऐसा विकार होना जिससे उसके संयोजक तत्त्व या अंग अलग-अलग होने लगें, उसमें से दुर्गन्ध आने लगे और वह काम के योग्य न रह जाय। जैसा—अनाज या फल सड़ना। २. लाक्षणिक अर्थ में हीन अवस्था में पड़े रहना। जैसा—जेल में कैदियों का सड़ना। ३. जल मिले हुए पदार्थ में खमीर उठना या आना। संयो० क्रि०—जाना। ४. बहुत ही कष्ट या बुरी दशा में पड़े-पड़े समय बिताना। जैसा—बरसों उसे जेल में सड़ना पड़ा। पद-सड़ी गरमी=प्रायःवर्षा ऋतु में होनेवाली वह गरमी जिसमें उमस बहुत अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है—६७।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ