शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सड़ान					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हि० सड़ना] सड़ने की क्रिया या भाव। सड़न।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सड़ाना					 :
				 | 
				
					स० [हि० सड़ना का स० रूप] १. किसी वस्तु को सड़ने में प्रवृत्त करना। किसी पदार्थ में ऐसा विकार उत्पन्न करना कि उसके अवयव गलने लगें और उसमें से दुर्गन्ध आने लगे। जैसा—सब आम तुमने रखे-रखे सड़ा डाले। संयो० क्रि०—डालना।—देना। २. बहुत अधिक कष्ट या दुर्दशा में इस प्रकार रखना कि कोई उपयोग न हो सके। जैसा—किसी को जेल में रखकर सड़ाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |