शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					समज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. वन। जंगल। २. पशुओं का झुंड। स्त्री०=समझ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					समज्ञा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. कीर्ति। यश। २. ख्याति। प्रसिद्ध।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					समज्या					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. प्रचान भारत में वह उत्सव जिसमें छोटे बड़े स्त्री पुरुष सभी मिलकर तरह-तरह के खेल तमासे करते और देखते थे। बाद में साधारण बोलचाल इसी को सामंज्यस्य कहने लगे थे। २. बहुत से लोगो का समाज या समूह। सभा। जैसे—विद्वानों की समज्या में उनका यथेष्ट आदर हुआ था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |