सरसी/sarasee

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सरसी  : स्त्री० [सं०] १. छोटा सरोवर या जलाशय। २. बावली। ३. एक प्रकार का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में २७ मात्राएँ (१६वीं मात्रा पर यति) और अंत में गुरु और लघु होते हैं। इसे सुमंदर भी कहते हैं। होली के दिनों में गाया जानेवाला कबीर प्रायः इसी छंद में होता है। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)स्त्री० [हिं० सरस] वह जमीन जिसमें सरसता या नमी हो।
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सरसीक  : पुं० [सं० सरसी(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)कै (शब्द करना)+क] सारस पक्षी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सरसीरुह  : पुं० [सं०] १. कमल। २. संगीत में, कर्नाटकी पद्धति का एक राग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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