शब्द का अर्थ
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					साँचना					 :
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					स० [सं० संचय] १. संचित या एकत्र करना। उदा०—दे० ‘भाँड़ा’ (संपत्ति) में। २. किसी चीज में भरना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)अ० [?] १. किसी बड़े का कहीं आना। पदार्पण करना। पधारना। (गुज०, राज०) उदा०—सामलो घरे नू म्हारे साँचु दे।—मीराँ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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