शब्द का अर्थ
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					साँठ					 :
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					पुं० [देश०] १. पैरों में पहनने का साँकड़ा नामक गहना। २. ईख। गन्ना। ३. सरकंडा। ४. डंडा। ५. वह डंडा जिससे पीटकर फसल की बालों में से अनाज के दाने अलग किये जाते हैं। स्त्री० [सं० संस्था] मूलधन। पूँजी। उदा०—साँठि नाहिं लागि बात को पूछा।—जायसी। स्त्री०=साँट।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठ-गाँठ					 :
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					स्त्री०=साँट-गाँठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठ-नाँठ					 :
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					स्त्री०=साँट-गाँठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठना					 :
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					स० [हिं० साँठ] १. हाथ में लेना। पकड़ना। २. ग्रहण करना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					साँठा					 :
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					पुं० [सं० शरकांड] १. सरकंडा। २. गन्ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठि					 :
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					स्त्री०=साँठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठी					 :
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					स्त्री० [सं० संस्था] पूँजी। धन। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [?] गदहपूरना। पुनर्नवा। पुं०=साठी (धान)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					साँठें					 :
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					अव्य० [हिं० साँठ] १. कारण या वजह से। २. आधार पर। उदा०—बलि बलि गयो चलि बात के साँठे।—तुलसी।				 | 
			
			
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