शब्द का अर्थ
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					साखी					 :
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					पुं० [सं० साक्षिन्] १. गवाह। २. आपसी झगड़ों का निपटारा करनेवाला पंच। ३. मित्र और सहायक। ४. संगी। साथी। स्त्री० १. साक्षी। गवाही। शहादत। मुहा०—साखी पुकारना =गवाही देना। २. ज्ञान और भक्ति के क्षेत्र में, महापुरुषों, संतों साधु-महात्माओं आदि के वे पद जिनमें वे अपने अनुभव, मत या साक्षात्कार की प्राप्ति के लिए अन्य साधु-महात्माओं के वचन साक्षी रूप में उद्धृत करते हैं। जैसे—कबीर की साखी। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)पुं० [सं० साखिन्=शाखी] पेड़। वृक्ष।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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