शब्द का अर्थ
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सानु :
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पुं० [सं०] १. पर्वत की चोटी। शिखर। २. छोर। शिरा। ३. समतल भूमि। चौरस मैदान। ४. जंगल। वन। ५. मार्ग। रास्ता। ६. पेड़ का पत्ता। पर्ण। ७. सूर्य। ८. पंडित। विद्वान्। वि० [?] १. लंबा-चौड़ा। चौरस। सपाट। |
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सानुकंप :
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वि० [सं० ब० स०] जिसके मन में अनुकंपा या दया हो। दयालु। क्रि० वि० अनुकंपा या दया करते हुए। |
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सानुकूल :
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वि० [सं० तृ० त०] पूरी तरह से अनुकूल। |
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सानुज :
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पुं० [सं० सानु√जन् (उत्पन्न करना)+ज, तृ० त०] १. प्रपौंड्रीक वृक्ष। पुंडेरी। २. तुंबुरु नामक वृक्ष। अव्य० अनुज सहित। छोटे भाई के साथ। |
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सानुनजय :
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वि० [सं० तृ० त०] विनयशील। शिष्ट। अव्य० अनुनय या विनयपूर्वक। |
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सानुनासिक :
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वि० [सं० तृ० त०] १. (अक्षर या वर्ण) जिसके उच्चारण के समय मुँह के अतिरिक्त नाक से अनुस्वारात्मक ध्वनि निकलती हो। २. नकियाकर गाने या बोलनेवाला। |
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सानुप्रास :
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वि० [सं० अव्य० स०] अनुप्रास से युक्त। अव्य० अनुप्रास सहित। |
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सानुमान् (मत्) :
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पुं० [सं० सानु+मतुप्] पर्वत। |
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