शब्द का अर्थ
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सामने :
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अव्य-[हिं० सामना] १. उपस्थिति में। आगे। समक्ष। जैसे—बड़ो के सामने ऐसी बात नही कहनी चाहिए। मुहा—(किसी के) सामने करना, रखना या लाना=किसी के समक्ष उपस्थित करना। आगे करना, रखना या लाना। (स्त्रियों का किसी के) सामने होना=परदा न करके समझ आना। जैसे—उनके घर की स्त्रियाँ किसी के सामने नहीं होती। २. किसी के वर्तमान रहते हुए। जैसे—इस किताब के समने उसे कौन पूछेगा ? ३. जिस ओर मुँह हो सीधे उसी ओर। जैसे—सामने चले जाओ, थोड़ी दूर पर उनका मकान है। ४. मुकाबले में। विरुद्ध। जैसे वह तुम्हारे सामने नहीं ठहर सकता। मुहा—(किसी को किसी के) सामने करना या लाना=प्रतियोगी विपक्षी आदि के रूप में खड़ा करना। मुकाबले के लिए खड़ा करना। जैसे—वे तो आड़ में बैठे रहे, और मुकदमा लड़ने के लिए लड़के को सामने कर दिया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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