शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सारो					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० शालि] एक प्रकार का धान जो अगहन में पक जाता है स्त्री०=सारिका (मैना)। वि० पुं०=सारा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सारोदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०, ब० स० वा] अनंतमूल या सारिवा का रस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सारोपा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] साहित्य में, लक्षण का एक प्रकार का भेद जो उस समय माना जाता है जब उपमेय में उपमान का इस प्रकार आरोप होता है कि उपमेय से उपमान का कोई विशिष्ट गुण या धर्म सूचित होने लगे। जैसा—विद्या में आप बृहस्पति हैं, अर्थात आप बृहस्पति के समान विद्वान हैं। इसके गौण सारोप तथा शुद्ध सारोपा दो भेद हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सारोष्ट्रिक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सारोष्ट्र-ब० स०—ठक्-इक्] एक प्रकार का विष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |