शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सुक					 :
				 | 
				
					पुं० १. दे० ‘शुक’। २. दे० ‘शुक्रदेव’। पुं० १. दे० शुक्र। २. दे० ‘शुक्रवार’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुक-नासा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० शुक+नासिका] १. तोते की ठोर जैसी नाक। २. स्त्री जिसकी नाक तोते की ठोर जैसी हों।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंकवान् (वत्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकंक+मतुप्-म-व] मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मेरु के दक्षिण का एक पर्वत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकचण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० संकुचण] लज्जा। संकोच। (डि०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकचाना					 :
				 | 
				
					अ०=सकुचाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंटका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] १. घीकुआर। २. पिंडखजूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकटि					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] अच्छी कमर वाली। जिसकी कमर सुंदर हो। स्त्री० १. सुंदर कमर। २. सुन्दर कमरवाली स्त्री।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंठ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. जिसका कंठ सुंदर हो। सुंदर गले वाला। २. जिसके गले का स्वर कोमल और मधुर हो। पुं० सुग्रीव का एक नाम				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकड़ना					 :
				 | 
				
					अ०=सिकुड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंद					 :
				 | 
				
					वि० [सं० कर्म० स०] कसेरू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकंद+कन्] १. महाभारत काल का एक प्राचीन देश। २. उक्त देश का निवासी। ३. बाराही कंद। गेंठी। ४. प्याज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंदन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. बैजयंती तुलसी। २. बबई तुलसी। वर्वरक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंदा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. लक्षणा कंद। पुत्रदा। २. बाँस ककोड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकंदी					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकंद-ङीप्] सूरन। जमींकंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकदेव					 :
				 | 
				
					पुं०=शुकदेव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकन					 :
				 | 
				
					पुं०=शकुन। (ङि०)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकना					 :
				 | 
				
					पुं० [देश] एक प्रकार का धान जो भादों के अंत में होता है। स० सूखना। (पश्चिम)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकमणा					 :
				 | 
				
					स्त्री०=सुषुम्ना (नाड़ी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकमार					 :
				 | 
				
					वि०=सुकुमार (कोमल)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु√कृ (करना)+खल्] [भाव० सुकरता] (कार्य) जो सहज में किया जा सके। सरल। आसान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकरता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकर+तल्-टाप] १. सुकर होने की अवस्था या भाव। सौन्दर्य। २. सुन्दरता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं सुकर-टाप्] ऐसी अच्छी और सीधी गौ जो सहज में दुही जा सके।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकरात					 :
				 | 
				
					पुं० एक प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक जो अफलातून (प्लेटो) का गुरू था। (साँक्रटीज़)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकराना					 :
				 | 
				
					पुं०=शुकराना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकरित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकृत] १. अच्छा। भला। २. मांगलिक शुभ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकरीहार					 :
				 | 
				
					[पुं०] गले में पहनने का एक प्रकार का हार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्णक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०]सुन्दर कानों वाला। पुं० हस्तिकंद। हाथीकंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्णिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकर्ण+कन्-टाप्, इत्व] १. मूसाकानी नाम की लता। २. महाबला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्णी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकर्ण-ङीप्] इन्द्रवारुणी। इन्द्रायन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्म					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. अच्छा या उत्तम काम। सत्कर्म। २. देवताओं का एक गण या वर्ग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्मा (र्मन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकर्मन्+सु लोप दीर्घ नलोप] अच्छे कार्य करने वाला। सुकर्मी। पुं० १. विषकंभ आदि २७ योगों में से सातवां योग। २. विश्वकर्मा। ३. विश्वामित्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकर्मी (र्मिन)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकर्म+इनि] १. अच्छा काम करने वाला। २. धर्म और पुण्य के काम करने वाला। ३. सदाचारी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. कोमल और मधुर परंतु अस्फुट स्वर करने वाला। २. वह जो धन के दान तथा व्यय करने में उदार तथा सुख्यात हो। वि०,पुं०=शुक्ल। पुं०=सुकुल (आम)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकवाना					 :
				 | 
				
					अ० [?] अचंभे में आना। आश्चर्यान्वित होना। स०=सुखवाना। (पश्चिम)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकवि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] उत्तम कवि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सु+हिं० काज] उत्तम कार्य। अच्छा काम। सुकार्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकांड					 :
				 | 
				
					वि०[सं० ब० स०] सुन्दर कांड या डालों वाला। पुं० करेले का पौधा या बेल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकांडी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकांडिन्, सुकांड+इनि] सुन्दर कांड या शाखाओं वाला। पुं० भ्रमर। भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकातिज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० शक्तिज] मोती। (डिं०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाना					 :
				 | 
				
					स०=सुखाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकानी					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० सुक्कान=पतवार] मल्लाह। माझी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाम					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] अच्छी कामनाएँ करने वाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाम-वृत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० चतु० स०] किसी उत्तम कामना से धारण किया जाने वाला व्रत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकामा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकाम-टाप्] त्रायमाणा लता। त्रायनाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकार					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु√कृ (करना)+अण्] [स्त्री० सुकारा] १. सहज साध्य। सहज में होने वाला (काम) जो सहज में हो सके। सुकर। २. (पशु) जो सहज में वश में किया जा सके। ३. (पदार्थ) जो सहज में प्राप्त हो सके।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. अच्छा या उत्तम समय। २. ऐसा समय जब अन्न यथेष्ट होता हो। और सहज में मिलता हो। आकाल का विपर्याय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाली (लिन्)					 :
				 | 
				
					[सं० सुकाल+इनि] मनु के अनुसार शूद्रों के पितरों का एक वर्ग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकावना					 :
				 | 
				
					स०=सुखाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाशन					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु√काश् (चमकना)+ल्युट्—अन] अत्यन्त दीप्तिमान। बहुत चमकीला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाष्ठ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] अच्छी लकड़ी वाला। (वृक्ष)। पुं० काष्ठाग्नि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाष्ठक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकाष्ठ+कन्] देवदारु। वि०=सुकाष्ठ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकाष्ठा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकाष्ठ-टाप्] १. कुटकी। २. कठ-केला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकिज					 :
				 | 
				
					पुं०=सुकृत (अच्छा कर्म या कार्य)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकिया					 :
				 | 
				
					स्त्री०= स्वकीया (नायिका)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० हिं० सुक (तोता) का स्त्री०। तोते की मादा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकीय					 :
				 | 
				
					स्त्री०= स्वकीया (नायिका)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुआर					 :
				 | 
				
					वि०=सुकुमार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुट्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] महाभारत के अनुसार एक प्राचीन जनपद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुड़ना					 :
				 | 
				
					अ०=सिकुड़ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुति					 :
				 | 
				
					स्त्री०=शुक्ति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुंद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] राल। धूना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुंदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] प्याज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमार					 :
				 | 
				
					वि० [सं० कर्म० स०] [स्त्री० सुकुमारी, भाव० सुकुमारता] १. (व्यक्ति या शरीर) जिसमें सौंदर्यपूर्ण कोमलता हो। २. (पदार्थ) जो सहज में कुम्हला या मुरझा सकता अथवा थोड़ी सी असावधानी से खराब हो सकता हो। पुं० १. सुन्दर कुमार। सुन्दर बालक। २. वह जो बालकों के समान कोमल अंगों वाला हो। ३. ईख। ४. वनचंपा। ५. चिचड़ा। ६. कँगनी। ७. मेरु पर्वत के नीचे का वन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमारक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. तम्बाकू का पत्ता। २. तेजपत्ता। ३. साँवा नामक अन्न।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमारता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सी० सुकुमार+घल--टाप्] सुकुमारा होने की अवस्था, गुण या भाव। सौंदर्य-पूर्ण कोमलता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमारा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सुकुमार-टाप्] १. जूही। २. चमेली। ३. केला। ४. मालती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमारिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकुमारिक-टाप्] केले का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुमारी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु√कुमार (खेलना)+अच्-ङीप्] सं० सुकुमार का स्त्री०। कोमल और सुन्दर अंगो वाली। स्त्री० १. कुमारी कन्या। २. पुत्री। बेटी। ३.चमेली। ४. ऊख। ५. केला। ६. स्पृक्का। ७. शंखिनी नामक ओषधि। ८. करेला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुरना					 :
				 | 
				
					अ०= सिकुड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुर्कुर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] बालकों का एक प्रकार का रोग जिसकी गणना बाल ग्रहों में होती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुल					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] जो अच्छे कुल या वंश में उत्पन्न हुआ हो। पुं० १. उत्तम या श्रेष्ठ कुल। २. एक प्रकार का बढ़िया आम जो उत्तर प्रदेश और बिहार में होता है। वि०, पुं० शुक्ल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुल-वेद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० शक्ल+हिं० बेत] एक प्रकार का वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुलता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुकुल+तल्-टाप्] सुकुल होने की अवस्था या भाव। कुलीनता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकुवाँर (वार)					 :
				 | 
				
					वि० सुकुमार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकूत					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] १.मौन। चुप्पी। २. नीरवता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकूनत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ० सकूनत] १. ठहरने की जगह। २. निवास। ३. निवास स्थान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृत					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं०] १. (काम) जो अच्छे ढंग से किया गया हो। जैसे—सुकृत कर्म अर्थात पुण्य का और शुभ काम। २. (कृति) जो बहुत बढिया बनाई गई हो। पुं० १. कोई भलाई का कार्य। सत्कार्य। पुण्य कार्य। २. धर्म शील और पुण्यात्मा व्यक्ति। ३. भाग्यवान व्यक्ति। मुहा०—सुकृत मनाना=अपने सुकृतों का स्मरण करते हुए यह मानना कि उनके फल स्वरूप हमारा संकट दूर हो। उदा०—लगी मनावन सुकृत, हाथ कानन पर दीन्हे।—रत्ना०।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृत-कर्मा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकृतकर्मा कर्म० स०] धर्मात्मा या पुण्यात्मा व्यक्ति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृत-व्रत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार का व्रत जो प्रायः द्वादशी के दिन किया जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृतात्मा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकृतात्मन०, ब० स०] पुण्य कर्म करने की जिसकी वृत्ति हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सु√कृ (करना)+क्तिन] १. धर्म और पुण्य का काम। २. तपश्चर्या। ३. कोई अच्छी या सुन्दर कृति। सत्कर्म।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृतित्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुकृति+त्व] सुकृति का भाव या धर्म।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृती (तिन)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुकृत+इनि] १. सत्कर्म करने वाला। २. धार्मिक और पुण्यशील। ३. भाग्यवान। ४. बुद्धिमान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुकृत्					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु+√कृ (करना)+क्विप्-तुक] १. उत्तम और शुभ कार्य करने वाला। २. धर्म के और पुण्य काम करने वाला। ३. भाग्यवान। ४. धार्मिक, पवित्र तथा शुभ। पुं० निपुण कारीगर। दक्ष शिल्पी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सुकृत्य					 :
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					पुं० [सं० सु√कृ (करना)+क्यप्-तुक] उत्तम कार्य। सत्कर्म।				 | 
			
			
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					सुकेत					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] आदित्य। सूर्य।				 | 
			
			
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					सुकेतु					 :
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					वि० [सं० ब० स०] सुन्दर केशों या बालों वाला। पुं० १. चित्रकेतु राजा का एक नाम। २. ताड़का राक्षसी के पिता का नाम। ३. वह जो पशु-पक्षियों तक की बोली समझता हो।				 | 
			
			
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					सुकेश					 :
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					वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० सुकेशा] उत्तम केशों वाला। जिसके बाल सुन्दर हों पुं०=सुकेशि।				 | 
			
			
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					सुकेशा					 :
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					वि० स्त्री० [सं० सुकेश-टाप] सुन्दर अर्थात घने लंबे बालों वाली (स्त्री)।				 | 
			
			
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					सुकेशि					 :
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					पुं० [सं०] विद्यत्केश राक्षस का पुत्र तथा माल्यवान, सुमाली और माली नामक राक्षसों का पिता।				 | 
			
			
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					सुकेशी					 :
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					स्त्री० [सं० सुकेश-ङीप्] १. सुन्दर अर्थात घने तथा लंबे बालों वाली स्त्री। २. एक अप्सरा का नाम। वि०=सुकेशा।				 | 
			
			
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					सुकेसर					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] सिंह। शेर।				 | 
			
			
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					सुक्कान					 :
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					पुं० [अ०] नाव की पतवार।				 | 
			
			
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					सुक्कानी					 :
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					पुं० [अ०] पतवार थामने वाला अर्थात मल्लाह। माझी।				 | 
			
			
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					सुक्की					 :
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					वि० [सं० स्वकीय] अपना। निजी। उदा०—ए बार सुर बंदहु नहिं बंधि लेहु सुक्की बधअ।—चन्दबरदाई। स्त्री० [सं० सुकीर्ति] नेकनामी। सुयश।				 | 
			
			
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					सुक्ख					 :
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					पुं०=सुख।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्त					 :
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					पुं० [सं०] एक प्रकार की काँजी।				 | 
			
			
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					सुक्ता					 :
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					स्त्री० [सं० सुक्त-टाप्] इमली।				 | 
			
			
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					सुक्ति					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक प्राचीन पर्वत। स्त्री०=शुक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्र					 :
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					पुं० [सं० सक्रतु] अग्नि। (ङि०) वि० पुं०=शुक्र।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्रत					 :
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					पुं०=सुकृत।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्रति					 :
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					पुं०=स्त्री०=सुकृति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्रतु					 :
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					वि० [सं० ब० स०] सत्कर्म करने वाला। पुण्यशील। पुं० १. अग्नि। २. शिव। ३. इन्द्र। ४. सूर्य। ५. सोम। ६. वरुण।				 | 
			
			
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					सुक्ल					 :
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					वि०=शुक्ल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुक्षत्र					 :
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					वि० [सं० ब० स०] १. बहुत बड़ा धनवान्। २. बहुत बड़ा राज्यशाली। ३. बलवान। ४. शक्तिशाली।				 | 
			
			
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					सुक्षिति					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स, ब० स०] १. सुन्दर निवास स्थान। २. उक्त प्रकार के स्थान में रहने वाला व्यक्ति। ३. वह जो धन-धान्य और संतान से बहुत सुखी हो।				 | 
			
			
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					सुक्षेत्र					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसका जन्म अच्छे गर्भ में हुआ हो। पुं० ऐसा घर जिसके दक्षिण, पश्चिम और उत्तर की ओर दीवारें या मकान हों, और जो पूर्व की ओर खुलता हो। (ऐसा मकान बहुत शुभ माना जाता है)।				 | 
			
			
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