शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सुचित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुचित] १. सुन्दर चित्तवाला। अर्थात् जिसके चित्त में विकार न हो। २. जिसे किसी प्रकार की चिंताग्रस्त न किये हुए हो। ३ .जो सब प्रकार का कामों, झगड़ों आदि से नियुक्त हो चुका हो। वि० शुचि (पवित्र)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] [भाव० सुचित्तता] सुचित (दे०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचितई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हि० सुचत+ई (प्रत्यय)] १. सुचित होने् की अवस्था या भाव। निश्चितता। बे-फिक्री। २. मन की एकाग्रता और शान्ति। ३. अवकाश। फुरसत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचिता					 :
				 | 
				
					स्त्री०=शुचिता (पवित्रता)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचिती					 :
				 | 
				
					वि०=सुचित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचित्र					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] अनेक प्रकारों या रंगों का। पुं० सुन्दर चित्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचित्रक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुचित्र+कप्] १. मधुरंग नामक पक्षी। मुरगाबी। २. चितला साँप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुचित्रा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुचित्र-टाप्, ब० स०] चिर्भटा या फुट नामक फल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |