शब्द का अर्थ
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सूत्र-धार :
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पुं० [सं० सूत्र√धृ (धारण करना)+अण्] १. प्राचीन भारत में मूलतः वह व्यक्ति जो अपने हाथ में कपड़े या बँधे हुए सूत्रों अर्थात डोरो की सहायता से कठपुतलियाँ नचाता और उनके तमाशे दिखाता था। २. परवर्ती काल में नाट्यशाला का वह प्रधान व्यवस्थापक, जो नटों को अभिनय—कला सिखाकर उनसे अभिनय कराता और रंग—मंच की व्यवस्था करता था। ३. लाक्षणिक रूप में वह व्यक्ति, जिसके हाथ में किसी कार्य की सारी व्यवस्था हो। ४. पुराणानुसार एक प्राचीन वर्णसंकर जाति, जिसकी उत्पत्ति शूद्रा माता और विश्वकर्मा पिता से कही गई है और जो प्रायः बढ़ई का काम करती थी। ५. बढ़ई सुतार। ६. इन्द्र का एक नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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