शब्द का अर्थ
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					सेह					 :
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					वि० [फा०] दो और एक तीन। यौ.के आरंभ में। जैसे—सेह खानी। सेह हजारी। पुं० =सेहा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सेह-हजारी					 :
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					पुं० [फा०] एक उच्च पर जो मुसलमान बादशाहों के समय में सरदारों और दरबारियों को मिलता था। (ऐसे लोग या तो तीन हजार सेवक या सैनिक रख सकते थे। अथवा तीन हजार सैनिक के नायक होते थे।)				 | 
			
			
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					सेहखाना					 :
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					पुं० [फा० सेह=तीन+खाना=घर] ऐसा घर जिसमें तीन घर हों। तिमंजिला मकान।				 | 
			
			
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					सेहत					 :
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					स्त्री० [अ०] [वि० सेहती] १. सुख। चैन। राहत। २. तंदुरस्ती। स्वास्थ्य। ३. रोग से रहित होने की अवस्था। आरोग्य। क्रि० प्र०–पाना।–मिलना।				 | 
			
			
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					सेहत-खाना					 :
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					पुं० [सं० सेहत+फा० खाना] पेशाब आदि करने या नहाने धोने के लिए जहाज में बनी हुई एक छोटी सी कोठरी।				 | 
			
			
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					सेहती					 :
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					वि० [अ० सेहत] १. सेहत अर्थात स्वास्थ संबधी। २. स्वस्थ।				 | 
			
			
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					सेहथना					 :
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					स० [सं० सह+हस्त=सहस्त+ना (प्रत्य०)] १. हाथ से लीप कर साफ करना। सैंतना। २. झाड़ू देना। बुहारना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सेहर					 :
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					पुं० [अ० सेह्र] जादू-मंतर। टोना-टोटका। पुं०=शेखर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सेहरा					 :
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					पुं० [हिं० सिर+हार] १. विवाह के समय वर को पहनाने के लिए फूलों या सुनहले-रुपहले तारों आदि की बड़ी मालाओं की पंक्ति या पुंज। २. विवाह का मुकुट। मौर। क्रि० प्र०–बँधना।–बाँधना। पद–सेहरा बँधाइ=वह धन या नेग जो दूल्हे को सेहरा बाँधने पर दिया जाता है। सेहरे जलवे का बीबी=वह स्त्री जिसके साथ रीति पूर्वक सेहरा बाँधकर और धूम-धाम से बारात निकालकर विवाह किया गया हो। (उपपत्नी यी रखली से भिन्न) मुहा०–(किसी काम या बात का) किसी के सिर सेहरा बाँधना=किसी कार्य के सफलतापूर्ण संपादन का श्रेय प्राप्त होना। किसी काम या बात का यश मिलना। ३. विवाह के समय वर पक्ष से गाये जाने वाले मांगलिक गीत या पढ़े जाने वाले पद्य। ४. मछली के शरीर पर सीपी की तरह चमकीले छिलके जो जो छोटे—छोटे टुकड़ो के रूप में निकलते हैं। (फि़श—स्केल) ५. चित्रकला में सजावट के लिए उक्त आकार प्रकार का अंकन।				 | 
			
			
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					सेहरा					 :
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					स्त्री० [सं० शफरी] छोटी मछली। सहरी।				 | 
			
			
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					सेहराबंदी					 :
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					स्त्री० [हिं० सेहरा=फा० बंदी] विवाह के अवसर पर बरात निकलने से पहले वर को सेहरा बाँधने का धार्मिक और सामाजिक कृत्य।				 | 
			
			
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					सेहवन					 :
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					पुं०=सेहुआँ (रोग)।				 | 
			
			
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					सेहा					 :
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					पुं० [हिं० सेंध] कूआँ खोदनेवाला मजदूर।				 | 
			
			
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					सेहिथान					 :
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					पुं० [हिं० सेहियान] खलियान साफ करने वाला कूँचा।				 | 
			
			
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					सेही					 :
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					स्त्री० [सं० सेधा, सेधी]=साही (जंतु)।				 | 
			
			
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					सेहुँआँ					 :
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					पुं० [?] एक प्रकार का चर्म रोग, जिसमें शरीर पर भूरी-भूरी महीन चित्तियाँ सी पड़ जाती हैं।				 | 
			
			
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					सेहुआन					 :
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					पुं० [देश०] एक प्रकार का करम कल्ला, जिसके बीजों से तेल निकालता है।				 | 
			
			
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					सेहुँड़					 :
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					पुं० [सं० सेहुण्ड] थूहर का पेड़।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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