शब्द का अर्थ
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					स्वध					 :
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					पुं० [सं०] १. अपना धर्म। २. अपना कर्तव्य और कर्म।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					स्वधर्म					 :
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					पुं० [सं०] १. अपना धर्म या संप्रदाय। २. अपना उचित कर्त्तव्य।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					स्वधर्म-शास्त्र					 :
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					पुं० व्यक्तिक विधि।				 | 
			
			
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					स्वधा					 :
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					स्त्री० [सं०] पितरों के निमित्त दिया जानेवाला अन्न या भोजन। पितृ–अन्न। २. दक्ष की एक कन्या,जो पितरों की पत्नी कही गई है। अव्य.,एक शब्द या मंत्र जिसका उच्चारण देवताओं या पितरों को हवि देने के समय किया जाता है। जैसे–तस्मैस्वधा।				 | 
			
			
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					स्वधाधिप					 :
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					पुं० [सं०] अग्नि।				 | 
			
			
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					स्वधाशन					 :
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					पुं० [सं०] पितृगण। पितर।				 | 
			
			
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					स्वधिति					 :
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					पुं० स्त्री० [सं०] १. कुल्हाड़ी। कुठार। २. व्रज।				 | 
			
			
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					स्वधिष्ठान					 :
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					वि० [सं०] अच्छी स्थिति या स्थान से युक्त।				 | 
			
			
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					स्वधिष्ठित					 :
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					भू० कृ० [सं०] १. जो ठहने या रहने के लिए अच्छा हो। २. अच्छी तरह सिखलाया या सघाया हुआ हो।				 | 
			
			
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					स्वधीत					 :
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					भू० कृ० [सं०] अच्छी तरह पढ़ा हुआ। सम्यक् रूप से अध्ययन किया हुआ।				 | 
			
			
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